नए संसद भवन निर्माण की योजना कांग्रेस शासनकाल में हुई थी तय, केंद्रीय मंत्री ने सेंट्रल विस्टा मामले पर किया बड़ा खुलासा

नए संसद भवन निर्माण की योजना कांग्रेस शासनकाल में हुई थी तय, केंद्रीय मंत्री ने सेंट्रल विस्टा मामले पर किया बड़ा खुलासा

नए संसद भवन निर्माण की योजना कांग्रेस शासनकाल में हुई थी तय, केंद्रीय मंत्री ने सेंट्रल विस्टा मामले पर किया बड़ा खुलासा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: May 31, 2021 12:20 pm IST

नई दिल्ली । केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा की एक और बाधा दूर हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा परियोजना को राष्ट्रीय महत्व का बताते हुए इस परियोजना को रोकने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं याचिकाकर्ता पर बड़ा जुर्माना भी लगाया है। वहीं कोर्ट के इस रुख के बाद केंद्र सरकार के मंत्री विपक्ष पर हमला बोल रहे हैं। शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार किया है। पुरी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक झूठी कहानी गढ़ी जा रही है।

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हरदीप पुरी ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर बताया, ‘जब 2012 में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं, तो उनके एक ओएसडी थे जिन्होंने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में कहा गया था कि एक फैसला ले लिया गया है कि एक नया संसद भवन बनना चाहिए। अब वही विपक्षी दल इस परियोजना पर सवाल उठा रहे हैं, जो बिल्‍कुल गलत है।’ केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने आगे आगे कहा, ‘देखिए, अब तक सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक गलत कहानी गढ़ी जा रही है। इस परियोजना पर पर कोरोना महामारी के बहुत पहले फैसला ले लिया गया था। वहीं, संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है, क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक ज़ोन 2 में आता था, अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में है।

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हरदीप पुरी ने कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 350 मिलियन के करीब थी। संसद भवन में हमें जगह की जरूरत होती है, ताकि संसद सदस्य बैठ सकें। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब से ये मांग हो रही है कि एक नई संसद बनाई जाए, जो आज की परिस्थिति के अनुकूल हो। इस पूरी परियोजना में कुल खर्चा 1300 करोड़ रु के आसपास है।

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