मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

महाराष्ट्र समेत पूरे देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद के बीच इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि

मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल मौलिक अधिकार नहीं, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 pm IST
Published Date: May 6, 2022 1:03 pm IST

प्रयागराज। महाराष्ट्र समेत पूरे देश में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद के बीच इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। इलाहबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना मौलिक अधिकार नहीं है। बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली की ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उन्हें लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए जाने की इजाजत दी जाए। हाईकोर्ट ने इस याचिका को ख़ारिज कर दिया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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याचिका में कहा गया था ये

बता दें कि बदायूं के बिसौली तहसील के दौरानपुर गांव की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान एसडीएम समेत तीन लोगों को पक्षकार बनाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मुतवल्ली इरफान ने एसडीएम द्वारा लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत वाली ख़ारिज की गई अर्जी को चुनौती दी गई थी। इस याचिका में हाईकोर्ट से कहा गया था कि लाउडस्पीकर की बजाने की इजाजत मौलिक अधिकार के तहत मिलनी चाहिए।

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हाईकोर्ट ने कहा मांग को बताया गलत

इस याचिका पर जस्टिस विवेक कुमार बिड़ला और जस्टिस विकास बेंच ने सुनवाई करते हुए इस याचिका को ख़ारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना मौलिक अधिकारों में बिलकुल भी नहीं आता। हाईकोर्ट ने याचिका में की गई मांग को गलत बताया। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका में लाऊडस्पीकर बजाने की इजाजत के लिए कोई ठोस आधार नहीं दिए गए थे, इसलिए कोर्ट इस मामले में दखल नहीं देगा।

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राज ठाकरे की चुनौती के बाद गहराया विवाद

महाराष्ट्र नव-निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे का महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम देने के बाद से ही लाउडस्पीकर विवाद थमने का नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा था कि अगर लाऊडस्पीकर में अजान बजेगी, तो सभी जगहों पर उनसे दुगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। साथ ही जब तक उनकी बात नहीं मानी जाएगी तक तक यह आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी राज ठाकरे ने दी थी।

 

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com