नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि देश में ऐसे समावेशी आंकड़े नहीं हैं जिनसे वायु प्रदूषण का मौत से सीधा संबंध साबित हो सके।
जाधव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन को बताया कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी बीमारियों और उनसे जुड़ी अन्य बीमारियों का एक प्रमुख कारक है, लेकिन स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव कई कारकों के संयुक्त परिणाम के रूप में सामने आता है। ‘‘इनमें खान-पान की आदतें, व्यावसायिक परिस्थितियां, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, चिकित्सा इतिहास, प्रतिरक्षा क्षमता और अनुवांशिकी आदि शामिल हैं।’’
जाधव ने बताया कि केंद्र सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 से लागू राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) के तहत जागरूकता, क्षमता निर्माण, स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारी और साझेदारी बढ़ाने जैसे कार्य किए जा रहे हैं।
जाधव ने बताया कि कार्यक्रम के तहत वायु प्रदूषण से संबंधित मुद्दों पर “अद्यतन स्वास्थ्य योजना” तैयार की गयी है। इसके अलावा सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए “राज्य कार्य योजना” भी बनायी गयी है, जिसमें वायु प्रदूषण पर एक पृथक अध्याय शामिल है और इसके दुष्प्रभाव कम करने के लिए सुझाव दिए गए हैं।
उनके अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय समय-समय पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह जारी करता है और विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून), अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ हवा दिवस (7 सितंबर) तथा राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस (2 दिसंबर) पर व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं।
उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण पर प्रशिक्षण मॉड्यूल भी तैयार किए गए हैं, जिनके माध्यम से कार्यक्रम प्रबंधकों, मेडिकल अधिकारियों, नर्सों, आशा कार्यकर्ताओं, तथा ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम कर्मियों जैसे पेशागत जोखिम वाले समूहों को प्रशिक्षित किया जाता है।
भारत मौसम विभाग द्वारा वायु प्रदूषण से संबंधित चेतावनियां और वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान राज्यों और शहरों को भेजे जाते हैं ताकि संवेदनशील आबादी सहित समुदाय और स्वास्थ्य क्षेत्र तैयार रह सके।
जाधव ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित, स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना है, जबकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत ‘स्वच्छ हवा’ भी एक अहम घटक है।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वर्ष 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया, जो देशभर में प्रदूषण स्तर कम करने के लिए एक व्यापक रणनीति है।
भाषा मनीषा अविनाश
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