अरुंधति रॉय के इस लेक्चर पर फिर मचा बवाल, धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाकर बीजेपी हुई लाल | This lecture of Arundhati Roy created a ruckus again, BJP alleging discrimination on the basis of religion

अरुंधति रॉय के इस लेक्चर पर फिर मचा बवाल, धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाकर बीजेपी हुई लाल

अरुंधति रॉय के इस लेक्चर पर फिर मचा बवाल, धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाकर बीजेपी हुई लाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : July 27, 2020/8:34 am IST

तिरुवनंतपुरम। केरल की कोझीकोड यूनिवर्सिटी के बी.ए. इंग्लिश के तीसरे सेमेस्टर में लेखिका अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) के लेक्चर ‘Come September’ को पढ़ाए जाने पर विवाद बढ़ रहा है, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने धर्म के आधार पर भेदभाव का हवाला देते हुए इसे सिलेबस से हटाए जाने की मांग की है। और इस किताब में खुलेआम हिंदू फासीवाद की बात कही गई है।

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सुरेंद्रन का आरोप है कि ‘यूनिवर्सिटी ने अपने सिलेबस में जिहादी साहित्य को क्यों शामिल किया है? इसका मकसद कैम्पस को धर्म के नाम पर बांटना है।’ उन्होंने शिक्षा विभाग पर निशाना साधा। बीजेपी नेता ने लेक्चर के सिलेबस में शामिल करने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसे तुरंत सिलेबस से हटा देना चाहिए। इसके साथ ही सुरेंद्रन ने कानूनी कार्रवाई तथा धरना-प्रदर्शन करने की बात भी कही है।

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गौरतलब है कि अरुंधति रॉय ने 2002 में यह लेक्चर दिया था, जो कि 2003 में पब्लिश हो गया था। यह वीडियो और ट्रांसक्रिप्ट फॉर्मेट में इंटरनेट पर मौजूद है। कई लोगों ने मुद्दे को लेकर लेखक की तारीफ भी की है। आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की जंग लेक्चर में अन्य मुद्दों के साथ ही राष्ट्रवाद का गलत प्रयोग भी शामिल है।

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लेक्चर में अरुंधति रॉय ने कहा, ‘भारत में जो कोई परमाणु बम, बड़े बांधों, कॉर्पोरेट वैश्वीकरण, सांप्रदायिक हिंदू फासीवाद का बढ़ता खतरा पर अपने विचार रखता है, उसे सरकार एंटी नैशनल कह देती है। 20वीं सदी में राष्ट्रवाद की अवधारणा ही ज्यादातर नरसंहारों का कारण रही हैं, चाहे वो किसी भी तरह की रही हों।’