Caste Census | Photo Credit: IBC24
नई दिल्ली: Caste Census लाख नकारें कि दल की वो जाति-पाति की सियासत नहीं करते लेकिन सबको पता है कि बिना जातिगत समीकरण साधे ना टिकट मिलता है, ना वोट और अब 2 साल के भीतर देश को पहली बार ये पता लगेगा कि देश में कितनी जातियां हैं? और कितनी संख्या में हैं। आज देश में जनगणना का गजट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। आजादी के बाद ये पहली बार होगा जब देश में जनगणना के साथ, जाति जनगणना होगी।
Caste Census 2027 में होने जनगणना के लिए गजट अधिसूचना गृह मंत्रालय ने सोमवार को जारी कर दी। केंद्र सरकार इस बार जनगणना की प्रक्रिया दो फेज में होगी। नोटिफिकेशन के मुताबिक, पहले फेज की शुरुआत 1 अक्टूबर 2026 से होगी। इसमें 4 पहाड़ी राज्य- हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं। 1 मार्च 2027 से दूसरा फेज शुरू होगा। इसमें देश के बाकी राज्यों में जनगणना शुरू होगी। केंद्र ने 30 अप्रैल 2025 को जातीय जनगणना कराने का ऐलान किया था। देश में आजादी के बाद ये पहली जातीय जनगणना होगी। जिसे अब राजनीतिक दल अपने-अपने चश्मे से देख रहे हैं।
जाहिर है कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल जाति जनगणना कराने की मांग करते रहे हैं। देश में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी। इसे हर 10 साल में किया जाता है। यानी 2021 में अगली जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।
लेकिन अब देश में जनगणना की पूरी तैयारी हो चुकी है। इस बार की जनगणना में जाति और संप्रदाय से संबंधित सवाल भी शामिल किए जाएंग। जनगणना में करीब 34 लाख कर्मचारी हिस्सा लेंगे, जिनकी ट्रेनिंग होगी। इधर जाति जनगणना के फायदे-नुकसान और इसके दूरगामी परिणामों के पूर्वानुमान लगाए जा रहे हैं। लेकिन अब ये तय हो गया कि भारत में कौन सी जाति के लोग कितनी तादात में हैं ये साफ होने ही वाला है।