This trick of Priyanka Gandhi worked in Himachal

Himachal Election Result: इन 5 कारणों से हिमाचल में कांग्रेस को मिली जीत, चल गया प्रियंका गांधी का ये Trick

This trick of Priyanka Gandhi worked in Himachal हिमाचल में कांग्रेस की वापसी के ये पांच प्रमुख कारण हो सकते हैं।

Edited By :   Modified Date:  December 9, 2022 / 12:00 AM IST, Published Date : December 9, 2022/12:00 am IST

Priyanka Gandhi worked in Himachal: नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे अब स्पष्ट हो गए हैं। पिछले 35 वर्षों से हिमाचल में चल रहा सत्ता परिवर्तन का ट्रेंड एक बार फिर दोहराता हुआ नजर आ रहा है। इस बार की चुनावी जीत से कांग्रेस ने एक बार फिर से पहाड़ी राज्य में वापसी कर ली है। वहीं भाजपा की हार पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के ट्रेंड को खत्म करने के लिए भाजपा ने खूब मेहनत की थी। पूरा शीर्ष नेतृत्व चुनावी मैदान में उतरा हुआ था। हिमाचल में कांग्रेस की वापसी के ये पांच प्रमुख कारण हो सकते हैं।

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बेरोजगारी और अग्निवीर के खिलाफ बढ़ा गुस्सा

पूरे चुनावी अभियान में कांग्रेस ने राष्ट्रीय मुद्दे की तुलना में स्थानीय मुद्दों पर लोगों से जुड़ने के लिए सावधानी से मुद्दों का चयन किया। कांग्रेस पार्टी जनप्रचार के वक्त बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी दर को लेकर सरकार को खूब घेरा। महामारी के बाद हुए हिमाचल में चुनाव के वक्त सरकारी नौकरी एक बड़ा मुद्दा बन गया था। वहीं अग्निवीर योजना को लेकर प्रदेश के लोग थोड़े से नाराज नजर आए, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला।

सत्ता विरोधी और पार्टी में विद्रोह

पिछले 37 वर्षों में, हिमाचल प्रदेश ने हर पांच साल में सरकार बदलने की अपनी परंपरा को कभी नहीं छोड़ा है। दूसरी ओर, कांग्रेस इस सत्ता विरोधी लहर से उत्साहित थी और अपने सीएम कैंडिडेट के ऐलान किये बिना पूरे चुनावी अभियान के दौरान सत्ता में वापसी की आस लगाए रखी।

पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का मुद्दा

पूरे चुनावी अभियान में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने करीब ढाई लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लुभाने के लिए पुरानी पेंशन योजना का वादा किया कि सरकार बनते ही पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी जाएगी। लेकिन इसका फायदा कांग्रेस पार्टी को मिल गया।

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प्रियंका गांधी का मैजिक

Priyanka Gandhi worked in Himachal: हिमाचल प्रदेश में शानदार जीत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लिए भी पहली चुनावी सफलता लेकर आई, जिन्होंने राज्य में पार्टी के अभियान का नेतृत्व किया। ओपीएस को बहाल करने के वादे के साथ अक्टूबर में पार्टी के अभियान की शुरुआत करने के बाद, उन्होंने राज्य भर में लगभग 10 रैलियों को संबोधित किया।

सेब उत्पादक नाराज

कुल 67 निर्वाचन क्षेत्रों में से करीब 34 विधानसभा क्षेत्रों में सेब उत्पादक चुनावी परिणामों को प्रभावित करते हैं। हालांकि, इस बार, वे कारोबार में लाभ की कमी, लागत में बढ़ोत्तरी और निजी कंपनियों के प्रति गुस्सा थे. साथ ही पैकेजिंग में जीएसटी बढ़ने के चलते उनका गुस्सा और बढ़ गया था, जिसका असर अब चुनावी नतीजों में नजर आ रहा है।

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