दिशानिर्देश से अनजान लोगों को कोविड-19 जांच केंद्रों से वापस किया जा रहा |

दिशानिर्देश से अनजान लोगों को कोविड-19 जांच केंद्रों से वापस किया जा रहा

दिशानिर्देश से अनजान लोगों को कोविड-19 जांच केंद्रों से वापस किया जा रहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : January 15, 2022/7:51 pm IST

नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) कोविड-19 जांच के लिए जारी नए दिशानिर्देश से अनजान कई लोगों को ,जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें अपना काम शुरू करने के लिए आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट की जरूरत है, दिल्ली और आसपास के जांच केंद्रों से वापस किया जा रहा है।

केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के मुताबिक बिना लक्षण वाले लोगों को जांच कराने की जरूरत नहीं है। यहां तक कि प्रयोगशाला की जांच में संक्रमण होने की पुष्टि होने के बाद भी दोबारा जांच की जरूरत नहीं है बशर्ते उनकी उम्र 60 साल से अधिक न हो या वे सहरुगण्ता से ग्रस्त नहीं हों।

प्रयोगशाला से वापस किए जाने वाले लोगों में दिल्ली के मयूर विहार इलाके में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली नेहा मंडल भी हैं जिन्हें घरों में काम करने के लिए आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट की जरूरत है।

मंडल बताती हैं, ‘‘ कुछ सोसाइटी आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट के बाद ही हमें काम पर आने की अनुमति दे रहे हैं। जब मैं कोविड-19 जांच केंद्र पर गई तो उन्होंने जांच करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि मुझमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है। इससे मेरा काम बाधित हुआ है।’’

इसी तरह का मामला लाजपत नगर की रहने वाली लक्ष्मी का है जो जुकाम और खांसी से ग्रस्त होने की वजह से एहतियातन जांच कराना चाहती हैं। उन्होंने बताया, ‘‘मैंने डॉक्टर की सलाह ली जिसने कहा कि मौसम बदलने की वजह से यह समस्या हुई है लेकिन मैं निश्चित होना चाहती हूं और इसलिए नजदीकी जांच केंद्र गई। उन्होंने जांच से इंकार कर दिया और कहा कि मैं एक सप्ताह तक अपनी सेहत पर नजर रखूं।’’

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के जिला प्राधिकारियों को लक्षण वाले लोगों या नए दिशानिर्देश के तहत अर्हता रखने वालों की जांच करने का निर्देश प्राप्त हुआ है।

उन्होंने बताया, ‘‘ यहां तक कि सबसे अधिक खतरे वाले जैसे संक्रमित के परिवार के सदस्यों की भी संभव है जांच तब तक न हो जबतक उनमें लक्षण नहीं दिखे। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच विमान टिकट दिखाने पर हो सकती है।’’

जंगपुरा की रहने वाली श्रेया रमण ने बताया कि उनका दोस्त दो दिन पहले कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था लेकिन शनिवार को उनका जांच करने से इंकार कर दिया गया क्योंकि उनमें कोई लक्षण नहीं हैं।

रमण ने कहा, ‘‘मेरा दोस्त और मैं एक ही इमारत में रहते हैं और अकसर मिलते हैं। इसलिए मैंने जांच कराने की सोची। अब मैं कभी नहीं जान पाउंगी कि संक्रमण मेरे घर में कहीं पहले तो ही नहीं फैल चुका है।’’

दक्षिण दिल्ली के कुछ स्थानों पर लोगों को डॉक्टर द्वारा जांच की सलाह देने वाली पर्ची नहीं होने की वजह से जांच केंद्रों से लौटा दिया गया।

विकास वर्मा (26) ने बताया कि वह जुकाम और खांसी होने की वजह से कोविड-19 जांच कराने के लिए डिफेंस कॉलोनी के नेहरू होमियोपैथी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल गए थे लेकिन नए दिशा निर्देश के मद्देनजर उनकी जांच नहीं की गई जबकि उनकी बहन कुछ दिन पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी।

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जांच केंद्रों को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करने को कहा गया है।

भाषा धीरज उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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