राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास, मत विभाजन में मोदी सरकार को मिली बड़ी जीत

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास, मत विभाजन में मोदी सरकार को मिली बड़ी जीत

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास, मत विभाजन में मोदी सरकार को मिली बड़ी जीत
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: July 30, 2019 12:21 pm IST

नई दिल्ली ।  राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर मत विभाजन हुआ। पर्ची के जरिए हुए मत विभाजन में मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली है। मोदी सरकार के  लंबे प्रयासों के बाद आखिरकार तीन तलाक बिल को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी सफलता मिला। राज्यसभा से 84 के मुकाबले 99 वोट से पारित हो गया है। इसके पहले जदयू और एआईएडीएमके के सदन से वॉकआउट के बाद राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 213 रह गई थी। ऐसे में बहुमत के लिए उस समय 109 वोट चाहिए थे । सदन में 183 लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लिया ।  जिसे राज्यसभा में आसानी से सरकार ने पा लिया । यानि सरकार ने तीन तलाक पर 84 के मुकाबले 99 मतों से बहुमत सिध्द कर दिया। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ अब भारत में तीन तलाक अवैध हो जाएगा। तीन तलाक बिल में उल्लेखित विषय वस्तु के आधार पर  तीन तलाक देने पर इसे क्रिमिनल अफेंस  माना जाएगा।

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राज्यसभा में आज तीन तलाक़ बिल पेश किया गया था। बिल पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गया था। बिल को लेकर बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था। इसके पहले राज्यसभा में बिल को पास कराने के लिए मोदी सरकार की राह थोड़ी आसान होती दिख रही थी। यह जदयू और एआईएडीएमके के वॉकआउट के बाद संभव हो पाया था। जदयू और एआईएडीएमके के सदन से वॉकआउट के बाद राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 213 रह गई थी। ऐसे में अब बहुमत के लिए 109 वोट चाहिए थे। ज्ञात हो कि पहले विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में ये बिल आसानी से पास हो गया था। राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर सरकार को बीजेडी का समर्थन मिल गया है। 

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सदन में चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ से राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय ने सदन को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आप उस तरफ बैठने के लिए इसलिए भी मजबूर हो क्योंकि आप लोगों ने 7 साल में केवल और केवल वोट के लिए तुष्टिकरण की राजनीति की है और महिलाओं के भावनाओं के साथ खेला है। इस दौरान उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि कत्ल केवल वो नहीं होता जो खंजर से किया जाए, जख्म केवल वो नहीं होता जो जिस्म के लहु बहाए। कातिल वो भी होता है जो लफ्जों के तीर चलाए। जख्म वो भी होते हैं जो रूह का नासूर बन जाए।


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