Cyclone Montha: समंदर से उठी तबाही की आंधी…आधी रात को तट पर टूटा ‘मोंथा’ का कहर, फसलें डूबीं, घर उजड़े, तीन जिंदगियां लील गया चक्रवात…

आंध्र प्रदेश के तट को पार कर चुके भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है।

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  • Publish Date - October 30, 2025 / 06:37 AM IST,
    Updated On - October 30, 2025 / 07:35 AM IST

Cyclone Montha/ image source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • चक्रवाती तूफान मोंथा से 3 लोगों की मौत
  • आंध्र प्रदेश के तट को पार कर चुका है मोंथा तुफान
  • सीएम नायडू ने राहत शिविरों का दौरा किया

Cyclone Montha: आंध्र प्रदेश के तट को पार कर चुके भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है। मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भीषण चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ के कारण मारे गए तीन लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करें।


मंगलवार आधी रात को आया था तूफान

Cyclone Montha: एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सूचित किया कि राज्य में अब तक चक्रवात मोंथा के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है और मुख्यमंत्री ने उनके परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

फसलों का भी हुआ भारी नुकसान

Cyclone Montha: नायडू के समक्ष बुधवार को प्रस्तुत प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, ‘मोंथा’ तूफान से आंध्र प्रदेश में 87,000 हेक्टेयर भूमि की फसलें, 380 किलोमीटर पंचायती राज सड़कें, 2,300 किलोमीटर लंबी सड़क एवं भवन (आरएंडबी) विभाग की सड़कें और 14 पुल क्षतिग्रस्त हो गए।अधिकारियों ने नायडू को बताया कि 304 मंडलों में धान, मक्का, कपास और उड़द की फसलें नष्ट हो गई हैं।एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘304 मंडलों में 87,000 हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गईं। धान, कपास, मक्का और उड़द के अलावा 59,000 हेक्टेयर में लगी फसलें जलमग्न हैं, जिससे 78,796 किसान प्रभावित हुए हैं।’फसल नुकसान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायडू ने अधिकारियों को पांच दिनों में एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

अधिकारियों ने सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से 1,424 करोड़ रुपये तथा ग्रामीण जलापूर्ति अवसंरचना के प्रभावित होने से 36 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया है।चक्रवात के दौरान तीन लोगों की मौत के अलावा 42 पशु भी मारे गए।सरकार ने कहा कि एहतियाती उपायों के कारण नुकसान न्यूनतम रहा।इस बीच मुख्यमंत्री ने चक्रवात प्रभावित स्थानों का हवाई दौरा शुरू किया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने बापटला, पालनाडू, कृष्णा, कोनासीमा और एलुरु जिलों का दौरा किया।दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चक्रवात के तट से टकराने पर तेज हवाएं चलीं, जबकि प्रकाशम और नेल्लोर जिलों में भारी बारिश हुई।उन्होंने कहा, ‘‘हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई। अगर यह इससे अधिक होती, तो कोनासीमा जिले में नारियल के पेड़ों को नुकसान पहुंचता।’’नायडू ने कहा कि घरों और मवेशियों को कम से कम नुकसान हुआ है, लेकिन जल निकासी व्यवस्था के अवरुद्ध होने जैसी बार-बार होने वाली नागरिक समस्याएं बनी हुई हैं।

सीएम नायडू ने राहत शिविरों का का दौरा किया

Cyclone Montha: अपने दौरे के दौरान, नायडू ने कोनासीमा जिले के अल्लावरम मंडल के ओडालारेवु गांव में एक राहत शिविर का दौरा किया, जहां उन्होंने विस्थापितों को आवश्यक सामग्री वितरित की, जिसमें 25 किलोग्राम चावल और अन्य वस्तुएं तथा प्रति परिवार 3,000 रुपये नकद शामिल था। उन्होंने कहा, ‘इस (चक्रवात) के कारण व्यापक क्षति हुई है। यह राज्य के लिए एक बड़ी आपदा है। हालांकि, हम कुछ हद तक नुकसान कम करने में कामयाब रहे। हम 1.8 लाख लोगों को राहत शिविरों में लेकर आए। मैं यह देखने आया था कि राहत शिविरों की क्या स्थिति है।

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चक्रवात ‘मोंथा’ से कितने लोगों की मौत हुई?

अब तक 3 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।

किन जिलों में सबसे अधिक नुकसान हुआ?

बापटला, पालनाडू, कृष्णा, कोनासीमा और एलुरु जिलों में भारी क्षति हुई।

मुख्यमंत्री नायडू ने क्या राहत उपाय घोषित किए?

मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख, प्रत्येक प्रभावित परिवार को ₹3,000 नकद और 25 किग्रा चावल प्रदान किए गए।