ऋषिकेश (उत्तराखंड), 12 जनवरी (भाषा) बाघ पुनर्वास परियोजना के तहत हाल में कार्बेट बाघ अभयारण्य (सीटीआर) से राजाजी बाघ अभयारण्य (आरटीआर) स्थानांतरित किया गया पांच वर्षीय बाघ कहीं अन्यत्र चला गया है, जिससे वन विभाग में हड़कंप मचने के साथ ही राजाजी पार्क के बाहरी क्षेत्र में बसी आबादी में दहशत फैल गई है।
बाघ को स्थानांतरित कर आरटीआर की मोतीचूर रेंज के बाड़े में रखा गया था। उसके बाड़े में मौजूद न होने की जानकारी सोमवार शाम को मिली। वन कर्मी रेडियो कॉलर से निगरानी के आधार पर उसकी मौजूदगी का पता लगा रहे थे, लेकिन रेडियो कॉलर बाड़े में ही पड़ा मिला, जबकि बाघ वहां नहीं है।
उत्तराखंड के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने इस घटनाक्रम को परियोजना के लिए धक्का बताया और स्वीकार किया कि मौजूदा हालात में इस बाघ की निगरानी बहुत कठिन हो गई है।
भरतरी ने ‘भाषा’ को बताया कि इस चुनौती से निपटने के लिए बाघ पुनर्वास की राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशानिर्देशों के आधार पर समीक्षा की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
आरटीआर सूत्रों ने बताया कि बाड़े से भागे बाघ को ढूंढने में पूरी ताकत लगा दी गयी है। इस घटना से आरटीआर के बाहरी क्षेत्र में बसी आबादी के लोग भी दहशत में आ गए हैं।
भाषा सं दीप्ति सिम्मी
सिम्मी
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