टिपरा मोथा प्रमुख ने त्रिपुरा में ‘बिहार मॉडल’ के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण की मांग की
टिपरा मोथा प्रमुख ने त्रिपुरा में 'बिहार मॉडल' के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण की मांग की
अगरतला, 13 जुलाई (भाषा) टिपरा मोथा प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने त्रिपुरा में 2028 में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का ‘बिहार की तरह’ पुनरीक्षण कराने का रविवार को आह्वान किया।
निर्वाचन आयोग (ईसी) ने इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू किया है।
इस प्रक्रिया ने पहले ही विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों ने मतदाता पंजीकरण के लिए लागू किये जा रहे सख्त मानदंडों पर चिंता जताई है।
सोशल मीडिया पर देबबर्मा ने लिखा, ‘‘यही प्रक्रिया पूर्वोत्तर भारत, खासकर त्रिपुरा, में भी लागू की जानी चाहिए और अधिकारियों में हमारे मूल निवासी तिप्रासा लोगों/अधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए।’’
उन्होंने इस पोस्ट के साथ बिहार के चुनाव अधिकारियों द्वारा मतदाताओं के नामों की जांच करने की एक तस्वीर भी पोस्ट की।
हालांकि त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव मार्च 2028 में होने हैं, लेकिन त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के चुनाव अगले साल होने हैं।
देबबर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य भी बिहार जैसी ही चुनावी जांच का हकदार है।
उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि निर्वाचन आयोग के लिए बिहार महत्वपूर्ण क्यों है और पूर्वोत्तर क्यों नहीं। क्या हम भी भारत की संतान नहीं हैं? अब समय आ गया है कि टिपरा मोथा के विधायक भी निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर ऐसा ही करने के लिए कहें।’’
देबबर्मा ने लोगों से पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय राजनीतिक दलों पर मतदाता सूची संशोधन के ‘बिहार मॉडल’ की मांग करने का दबाव बनाने का आग्रह भी किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने सभी पूर्वोत्तर भाइयों और बहनों से अनुरोध करता हूं कि वे भी अपने क्षेत्रीय दलों पर ऐसा ही दबाव डालें।’’
भाषा अमित सुरेश
सुरेश

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