टिपरा मोथा की टीम ने वार्ताकार के साथ बैठक की, ‘टिपरासा समझौते’ के कार्यान्वयन पर जोर दिया

टिपरा मोथा की टीम ने वार्ताकार के साथ बैठक की, ‘टिपरासा समझौते’ के कार्यान्वयन पर जोर दिया

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  • Publish Date - October 8, 2025 / 10:56 AM IST,
    Updated On - October 8, 2025 / 10:56 AM IST

अगरतला, आठ अक्टूबर (भाषा) टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के एक विधायक ने बुधवार को बताया कि पार्टी अध्यक्ष प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल ने नयी दिल्ली में ‘टिपरासा समझौते’ के वार्ताकार ए.के. मिश्रा के साथ बैठक की और त्रिपुरा में आदिवासियों के विकास के लिए समझौते के कार्यान्वयन पर जोर दिया।

विधायक रंजीत देबबर्मा ने कहा कि अगर माणिक साहा सरकार ‘टिपरासा समझौते’ को तुरंत लागू नहीं करती है तो टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल से बाहर हो सकती है।

वर्तमान में माणिक साहा के नेतृत्व वाली कैबिनेट में टीएमपी का एक मंत्री है।

टिपरा मोथा पार्टी ने राज्य में जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए पिछले साल मार्च में केंद्र और राज्य सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

विधायक रंजीत देबबर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमारे प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा के नेतृत्व में टीएमपी की तीन सदस्यीय टीम ने मंगलवार को नयी दिल्ली में वार्ताकार ए. के. मिश्रा के साथ बैठक की। हमने उन्हें ऐतिहासिक समझौते को लागू करने में राज्य सरकार के टालमटोल वाले रवैये के बारे में स्पष्ट रूप से बताया।’’

उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मिश्रा को बताया कि त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की सहयोगी टीएमपी ‘‘असम की यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) की तरह पीड़ित’’ नहीं बनना चाहती, जिसे हाल में संपन्न हुए बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) चुनाव में नुकसान हुआ है।

देबबर्मा ने कहा कि उन्होंने त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) द्वारा पारित 37 विधेयकों का मुद्दा भी उठाया जो अब भी राज्य सरकार के पास लंबित हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मिश्रा ने राज्य सरकार के पास लंबित विधेयकों की सूची मांगी है और हम बुधवार को उन्हें ये सूची सौंप देंगे।’’

भाषा सुरभि वैभव

वैभव