तिरुपति (आंध्र प्रदेश), 22 मई (भाषा) तिरुपति में प्रसिद्ध वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) तीर्थयात्रा के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और चेहरे की पहचान तकनीक के उपयोग की संभावना तलाश रहा है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) जे. श्यामला राव ने कहा कि मंदिर निकाय इन तकनीकों का उपयोग वास्तविक तीर्थयात्रियों को प्रमाणित करने के लिए करेगा ताकि सुचारू दर्शन (देवता के दर्शन) सुनिश्चित हो सके, किसी अन्य की जगह किसी और की उपस्थिति और धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोका जा सके और आवास, प्रवेश नियंत्रण एवं अन्य कार्यों को आसान बनाया जा सके।
राव ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘टीटीडी ने समग्र तीर्थयात्रा को बेहतर बनाने के लिए एआई सहित बाजार में उपलब्ध नवीनतम तकनीकी समाधानों को अपनाने की कल्पना की है।’’
इन भविष्य की पहलों के तहत ईओ ने कहा कि तीर्थयात्रियों को समय-समय पर दर्शन टोकन प्रदान किए जाएंगे, जो चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग करके उनके चेहरे की विशेषताओं को ‘कैप्चर’ करेंगे।
राव ने कहा कि इस समाधान को लागू करने से टोकन जारी करने और सत्यापन की प्रक्रिया त्वरित और परेशानी मुक्त हो जाती है जबकि प्रतिरूपण और धोखाधड़ी की गतिविधियों को भी रोका जा सकता है।
भाषा सुरभि मनीषा
मनीषा
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