त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने टिपरा मोथा को कोकबोरोक भाषा की लिपि के मुद्दे पर पैनल गठन का आश्वासन दिया : नेता प्रतिपक्ष
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने टिपरा मोथा को कोकबोरोक भाषा की लिपि के मुद्दे पर पैनल गठन का आश्वासन दिया : नेता प्रतिपक्ष
अगरतला, 18 मई (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने टिपरा मोथा पार्टी के शिष्टमंडल को आश्वासन दिया है कि वह सीबीएसई पाठ्यक्रम वाले स्कूलों में कोकबोरोक भाषा की पढ़ाई करने वाले छात्रों को बांग्ला और रोमन दोनों लिपियों में परीक्षा देने की अनुमति देने की मांग पर एक समिति का गठन करेंगे। टिपरा मोथा के एक वरिष्ठ नेता ने यह जानकारी दी।
त्रिपुरा की करीब 24 प्रतिशत आबादी की भाषा कोकबोरोक की अपनी कोई लिपि नहीं है। छात्र सामान्य रूप से इस भाषा की परीक्षा बांग्ला लिपि में देते हैं।
टिपरा मोथा के नेता अनिमेष देबबर्मा ने बताया, ‘‘सीबीएसई की परीक्षाओं में कोकबोरोक भाषा की परीक्षा बांग्ला या रोमन लिपि में देने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से विस्तृत चर्चा हुई। हमने उन्हें बताया कि सीबीएसई संचालित स्कूलों में कोकबोरोक की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह मुद्दा इतना महत्वपूर्ण क्यों है।’’
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता देबबर्मा ने कहा कि त्रिपुरा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में कोकबोरोक भाषा की परीक्षा बांग्ला या रोमन लिपि में देने पर कोई पाबंदी नहीं है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोकबोरोक भाषा के लिए रोमन लिपि के उपयोग के मुद्दे पर शिष्टमंडल की बातें बहुत ध्यान से सुनीं और आश्वासन दिया कि वह इस मामले पर सभी पक्षकारों को शामिल करके एक समिति का गठन करेंगे।
देबबर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘विद्याज्योति’ योजना के तहत 100 स्कूल सीबीएसई को सौंपे हैं।
उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘विद्याज्योति स्कूलों का तात्पर्य सीबीएसई द्वारा संचालित अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों से है। क्या अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाला छात्र रातों-रात कोकबोरोक की परीक्षा बांग्ला लिपि में देने में सक्षम हो पाएगा? यह संभव नहीं है।’’
कोकबोरोक त्रिपुरा में रहने वाले बोरोक समुदाय के लोगों की मातृभाषा है। यह तिब्बती-बर्मन परिवार की भाषा है और यह पूर्वोत्तर के राज्यों में बोली जाने वाली बोडो, गारो और डिमसा भाषाओं के करीब है।
भाषा अर्पणा अविनाश
अविनाश

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