भ्रामक सूचना फैलाने की सरकार की शिकायत पर ट्विटर ने ऐसे 97 फीसदी अकाउंट ब्लॉक किये

भ्रामक सूचना फैलाने की सरकार की शिकायत पर ट्विटर ने ऐसे 97 फीसदी अकाउंट ब्लॉक किये

भ्रामक सूचना फैलाने की सरकार की शिकायत पर ट्विटर ने ऐसे 97 फीसदी अकाउंट ब्लॉक किये
Modified Date: November 29, 2022 / 09:01 pm IST
Published Date: February 12, 2021 10:30 am IST

नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) किसानों के प्रदर्शन के बारे में भड़काऊ और भ्रामक सामग्री पोस्ट किये जाने के बारे में केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की शिकायत पर टि्वटर ने ऐसे 97 प्रतिशत से अधिक अकाउंट ब्लॉक कर दिये। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बुधवार को ट्विटर के प्रतिनिधियों और सूचना एवं प्रौद्योगिकी सचिव के बीच हुई एक बैठक के बाद यह कदम उठाया गया। बैठक में अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग मंच को स्थानीय कानून का अनुपालन करने की सख्त हिदायत दी गई। साथ ही, यह भी कहा गया कि ऐसा नहीं करने पर उसे कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।

मंत्रालय ने कानून व्यवस्था के लिए समस्या पैदा कर सकने वाली भड़काऊ सामग्री को ब्लॉक करने के आदेश पर कार्रवाई करने में हो रही देर के बारे में भी ट्विटर से सवाल किया, जबकि उसने (अमेरिकी कंपनी) यूएस कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन परिसर) में हुई इसी तरह की घटना पर कार्रवाई करने में तत्परता दिखाई थी।

 ⁠

सूत्रों के मुताबिक ट्विटर ने अब आदेशों का अनुपालन किया है और जिन अकाउंट पर आपत्ति जताई गई थी, उनमें से 97 प्रतिशत को ब्लॉक कर दिया गया है।

इस विषय पर ट्विटर की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

गौरतलब है कि किसानों के प्रदर्शन के बारे में भ्रामक सूचना फैलाने और भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने को लेकर चार फरवरी को ट्विटर को पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों से संबंध रखने वाले 1,178 अकाउंट ब्लॉक करने को कहा गया था।

इसके पहले सरकार ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के सिलसिले में 257 ट्वीट और ट्विटर हैंडल ब्लॉक करने को कहा था। ट्विटर ने आदेशों का अनुपालन बस कुछ घंटों के लिए ही किया था।

ट्विटर ने बुधवार सुबह कहा कि उसने भारत में 500 से अधिक अकाउंट निलंबित कर दिये हैं और कई अन्य तक पहुंच को ब्लॉक कर दिया है। हालांकि, यह भी कहा कि वह ‘समाचार मीडिया संस्थानों,पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और नेताओं के अकाउंट ब्लॉक नहीं करेगा क्योंकि ऐसा करना देश के कानून के तहत प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार का हनन होगा।

भाषा

सुभाष पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में