माउंट कंचनजंघा की पवित्रता बहाल करने के लिए सिक्किम में दो दिवसीय पवित्रीकरण पूजा शुरू

माउंट कंचनजंघा की पवित्रता बहाल करने के लिए सिक्किम में दो दिवसीय पवित्रीकरण पूजा शुरू

माउंट कंचनजंघा की पवित्रता बहाल करने के लिए सिक्किम में दो दिवसीय पवित्रीकरण पूजा शुरू
Modified Date: June 15, 2025 / 08:11 pm IST
Published Date: June 15, 2025 8:11 pm IST

गंगटोक, 15 जून (भाषा) माउंट कंचनजंघा की पवित्रता को पुनर्स्थापित करने के लिए रविवार को उत्तरी सिक्किम में दो दिवसीय पवित्रीकरण समारोह शुरू हुआ। आयोजक ‘सिक्किम भूटिया लेप्चा एपेक्स कमेटी (एसाईबीएलएसी)’ ने यह जानकारी दी।

हाल में नेपाल की ओर से कंचनजंघा का पर्वतारोहण किया गया था।

आयोजकों ने बताया कि काबी लुंगत्सोक में आयोजित इस कार्यक्रम में भाजपा और सीएपी समेत विभिन्न दलों के नेताओं और समर्थकों के अलावा एसआईबीएलएसी के सदस्यों एवं स्थानीय नागरिकों ने भी भाग लिया।

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इस मौके पर अपने संबोधन में एसआईबीएलएसी के सलाहकार एस डी शेरिंग ने कंचनजंघा पर्वत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पवित्रता पर जोर देते हुए कहा कि इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाए बिना इसकी रक्षा की जानी चाहिए।

यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा तथा इसमें सांस्कृतिक संवेदनशीलता और आध्यात्मिक विरासत के संरक्षण का आह्वान किया गया।

नेपाल के हाल के एक पर्वतारोहण अभियान ने सिक्किम में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है, जहां स्थानीय लोगों की मान्यता है कि कंचनजंघा पर्वत एक पवित्र पर्वत है, जिस पर किसी भी इंसान को पैर नहीं रखना चाहिए।

पवित्रीकरण पूजा अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं के माध्यम से पर्वत की पवित्रता की बहाली के प्रतीकात्मक कार्य के रूप में की गई थी।

पूजा की शुरुआत एसआईबीएलएसी द्वारा नेपाल सरकार और नेपाल पर्वतारोहण संघ (एनएमए) को लिखे गए पत्र के एक दिन बाद हुई, जिसमें सिक्किम के मूल समुदायों के लिए पर्वत के गहन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का हवाला देते हुए, कंचनजंघा पर नियोजित पर्वतारोहण को तुरंत रोकने का आग्रह किया गया था।

कमेटी ने अधिकारियों से भारत और नेपाल के पर्वतारोहियों को शामिल करने वाले संयुक्त पर्वतारोहण अभियान की अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, जो भारत के राष्ट्रीय पर्वतारोहण और साहसिक खेल संस्थान (एनआईएमएएस) के तत्वावधान में 18 जून को नेपाल से शुरू होने वाला है।

भाषा

राजकुमार प्रशांत

प्रशांत


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