नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने उन दो धोखेबाजों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने कथित तौर पर प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) का अधिकारी बनकर जबरन वसूली करने की कोशिश की थी। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान इकबाल कुरैशी और अरुण लाल उर्फ अंकित के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि इस साजिश का मुख्य षड्यंत्रकारी कुरैशी ‘प्रिंस तेवतिया’ गिरोह का सदस्य है और उसके खिलाफ डकैती, झपटमारी तथा दुष्कर्म सहित 30 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि उसका सहयोगी अरुण लाल उर्फ अंकित पहले भी दोहरे हत्याकांड में शामिल रहा है।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) (अपराध) संजय कुमार सैन ने एक बयान में कहा, ‘‘22 अक्टूबर 2024 को सात सदस्यीय एक गिरोह ने ईडी अधिकारी बनकर महरौली में एक ‘फार्महाउस’ पर छापा मारा। उन्होंने मोबाइल फोन जब्त कर लिए और शिकायतकर्ता को बंधक बनाकर उससे बैंक खाते से की गई बड़ी निकासी के बारे में पूछताछ की। आरोपियों ने 20 करोड़ रुपये की मांग की और रकम न देने पर गिरफ्तारी की धमकी दी।’’
अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने उनकी बात मानने का दिखावा करते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि उसे बैंक जाना होगा। अधिकारी के अनुसार, अगले दिन गिरोह के दो सदस्य शिकायतकर्ता के साथ हौज खास स्थित एक बैंक में गए, जहां उसने चुपके से अपने प्रबंधक और अधिवक्ता को इसकी जानकारी दी।
अधिकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता को जब यह पता लगा कि ईडी की छापेमारी की कोई अनुमति नहीं दी गई है, तो उसने ठगों से पूछताछ की, जिसके बाद वे भाग गए। महरौली थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
एसीपी ने कहा, ‘‘पुलिस टीम ने मोबाइल रिकॉर्ड के जरिए इकबाल कुरैशी की पहचान की और खुफिया जानकारी के आधार पर टीम ने 19 फरवरी को खिज्राबाद से कुरैशी तथा अरुण लाल को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान कुरैशी ने अपने सहयोगी लकी के साथ फर्जी छापेमारी की योजना बनाने की बात स्वीकार की, जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था। बैंक के सीसीटीवी फुटेज से उनकी पहचान की पुष्टि करने में मदद मिली।’’
भाषा यासिर दिलीप
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