यूडीएफ ने राज्यपाल के ‘विभाजन विभीषिका दिवस’ परिपत्र को संघ परिवार का विभाजनकारी एजेंडा बताया
यूडीएफ ने राज्यपाल के ‘विभाजन विभीषिका दिवस’ परिपत्र को संघ परिवार का विभाजनकारी एजेंडा बताया
तिरुवनंतपुरम, 13 अगस्त (भाषा) कांग्रेस नीत यूडीएफ ने बुधवार को केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के 14 अगस्त को राज्य में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने के निर्देश की आलोचना की और इसे ‘‘देश में विभाजन पैदा करने का संघ परिवार का एजेंडा’’ बताया।
विधानसभा में नेता विपक्ष वी.डी. सतीशन ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को राज्यपाल द्वारा जारी परिपत्र को ‘‘गंभीर गलती’’ करार दिया।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह देश और इसके लोगों को बांटने के संघ परिवार के एजेंडे का हिस्सा है। राज्यपाल को इसे लागू नहीं करना चाहिए। अगर वह ऐसा करते हैं, तो हमें इसका कड़ा विरोध करना होगा।’’
राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदु ने भी आलोचना दोहराते हुए कहा कि इस कदम से केरल में ‘‘धार्मिक और सांप्रदायिक घृणा’’ बढ़ सकती है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों की ‘‘विश्वविद्यालयों में आवश्यकता नहीं है।’’
इससे पहले, सतीशन ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने पूर्व में राज्य में ‘‘ईसाई और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव’’ पैदा करने का प्रयास किया था और चेतावनी दी थी कि नयी पहल एक ‘‘नयी योजना’’ का हिस्सा है।
उन्होंने परिपत्र को ‘‘राष्ट्र-विरोधी और अलोकतांत्रिक’’ करार दिया तथा मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे राज्यपाल से व्यक्तिगत रूप से मिलकर ‘‘सरकार और जनता के विरोध’’ से उन्हें अवगत कराएं।
राजभवन के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि परिपत्र केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पर आधारित है, जिसमें कहा गया है कि सभी राज्य सरकारों को ‘‘विभाजन की भयावहता के बारे में जागरूकता बढ़ाने’’ के लिए इसका पालन करना चाहिए।
इसमें कथित तौर पर कुलपतियों को इस संबंध में विश्वविद्यालयों की कार्ययोजनाएं अग्रेषित करने का भी निर्देश दिया।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
पवनेश

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