नयी दिल्ली, 16 जनवरी (भाषा) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों को अगले पांच साल तक पीएचडी पाठ्यक्रम प्रदान करने से रोक दिया है, क्योंकि उन्हें डिग्री की शुचिता से समझौता करते पाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इन तीन विश्वविद्यालयों में – ओपीजेएस विश्वविद्यालय, चूरू; सनराइज विश्वविद्यालय, अलवर और सिंघानिया विश्वविद्यालय, झुंझुनू शामिल हैं।
यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने बताया, ‘‘यूजीसी की स्थायी समिति ने पाया है कि विश्वविद्यालयों ने यूजीसी के पीएचडी विनियमों के प्रावधानों और पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए शैक्षणिक मानदंडों का पालन नहीं किया है।’’
उन्होंने बताया कि इन विश्वविद्यालयों को डिग्री की अखंडता से समझौता करते हुए पाया गया और उन्हें अगले पांच वर्षों के लिए नए पीएचडी छात्रों को दाखिला देने से रोक दिया गया है।
जोशी ने कहा, ‘‘संभावित छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे इन विश्वविद्यालयों द्वारा पेश किए जाने वाले पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश न लें क्योंकि उनकी डिग्री को उच्च शिक्षा और रोजगार के उद्देश्य से मान्यता प्राप्त या वैध नहीं माना जाएगा।’
भाषा रंजन नरेश
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