यूक्रेन ने की भारत से अपील, ‘रूस से आपकी अच्छी दोस्ती..हमला रोकने के लिए कहें’
यूक्रेन पर रूस लगातार हमला कर रहा है। नए दौर के प्रतिबंधों की मांग करते हुए यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भारत से अपील की है कि रूस को इस युद्ध को रोकने के लिए कहे Ukraine appeals to India, 'Your good friendship with Russia.. ask to stop the attack'
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नईदिल्ली। russia ukraine war: यूक्रेन पर रूस लगातार हमला कर रहा है। नए दौर के प्रतिबंधों की मांग करते हुए यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भारत से अपील की है कि रूस को इस युद्ध को रोकने के लिए कहे। एक टेलीविज़न संबोधन के दौरान कुलेबा ने रूस पर युद्धविराम समझौतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। साथ ही युद्धग्रस्त इलाकों से विदेशी छात्रों और नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए फायरिंग बंद करने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, “30 वर्षों के लिए यूक्रेन अफ्रीका और एशिया के हजारों छात्रों के लिए एक स्वागत योग्य घर था। विदेशी छात्रों के यहां से निकलने के लिए यूक्रेन ने ट्रेनों की व्यवस्था की है। हॉटलाइन स्थापित की है। दूतावासों के साथ काम किया है। यूक्रेनी सरकार लगातार उनके लिए काम कर रही है।”
यूक्रेन के विदेश मंत्री ने दावा किया कि रूस उन देशों की सहानुभूति जीतने की कोशिश कर रहा है जिनके नागरिक यूक्रेन में हैं। उन्होंने कहा कि अगर रूस विदेशी छात्रों के मामले में मदद करता है तो उन सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं भारत, चीन और नाइजीरिया की सरकारों से अपील करता हूं कि रूस से फायरिंग को रोकने और नागरिकों को जाने की अनुमति देने की अपील करें।”
इसके अलावा कुलेबा ने कहा कि भारत सहित सभी देश जो रूस के साथ विशेष संबंधों में जुड़े हुए हैं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील कर सकते हैं कि यह युद्ध सभी के हित के खिलाफ है। उन्होंने यह तर्क दिया कि संघर्ष का अंत सभी देशों के सर्वोत्तम हित में है। उन्होंने कहा, “भारत यूक्रेन के कृषि उत्पादों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। यदि यह युद्ध जारी रहता है तो हमारे लिए नई फसल बोना मुश्किल होगा। वैश्विक और भारतीय खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में भी इस युद्ध को रोकना ही सर्वोत्तम हित में है।”
उन्होंने आगे आम भारतीयों से युद्ध रोकने की मांग करने के लिए रूस पर दबाव बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यूक्रेन केवल इसलिए लड़ रहा है क्योंकि हम पर हमला किया गया था और हमें अपनी भूमि की रक्षा करनी है क्योंकि पुतिन हमारे अस्तित्व के अधिकार को नहीं पहचानते हैं।”

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