Weapons are considered status symbols. every 8th person has a gun

हथियारों को माना जाता है स्टेटस सिंबल! हर 8वे व्यक्ति के पास है गन, इस बार लाइसेंसी हथियार के लिए आए 33700 आवेदन

हथियारों को माना जाता है स्टेटस सिंबल! हर 8वे व्यक्ति के पास है गन! Weapons are considered status symbols. every 8th person has a gun

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : March 6, 2022/12:12 am IST

रिपोर्ट- नासिर गौरी, ग्वालियर: every 8th person has a gun चंबल में हथियारों को हमेशा ही स्टेटस सिंबल माना जाता रहा है। कंधे पर लाइसेंसी बंदूक होना ही चाहिए। चाहे इसके लिए जमीन बेचनी पड़े या फिर कोई और तरीका। वहीं अगर लाइसेंसी नहीं है, तो अवैध हथियार तो होगा ही। यही कारण है कि एमपी में सबसे ज्यादा बंदूकें चंबल इलाके में हैं। आज हालात ये है कि ग्वालियर में लाइसेंसी हथियार 33 हजार 700 तक पहुंच गए हैं, जो कि प्रदेश के 52 जिलों में सबसे अधिक है। अगर अनुमान लगाया जाएं तो ग्वालियर के हरे 8वें व्यक्ति के पास बंदूक है, जो घातक है।

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every 8th person has a gun पहले जरा इस वायरल वीडियो को देखें। एक दुल्ह अपनी नई जिंदगी की शुरुआत स्टेज पर फायरिंग से कर रही है। ग्वालियर-चंबल अंचल में बंदूक को स्टेटस सिंबल माना जाता है, यहां हथियारों की संख्या करीब डेढ़ लाख है, जो कि प्रदेश में जारी लाइसेंस का 38 फीसदी है। इससे साफ जाहिर होता है कि हथियारों का सबसे ज्यादा क्रेज ग्वालियर-चंबल संभाग में है। मौजूदा स्थिति में FB-WhatsApp जैसे सोशल मीडिया में एक्टिव जेनरेशन में भी विरासत में मिला हथियारों का क्रेज नजर आ रहा है।

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अब आपको बताते हैं कि इस अंचल के जिलों में हथियारों का क्रेज कितना है…

  • ग्वालियर में 33 हजार 700 – मुरैना के 29 हजार 650
  • भिंड जिले में 26 हजार 650 – शिवपुरी में 13 हजार 87
  • दतिया में 11 हजार 675 – श्योपुर में 4 हजार 93
  • कलेक्ट्रेट में हथियारों के 1100 आवेदन लंबित
  • पुलिस थानों में 3700 आवेदन अभी प्रक्रिया में हैं
  • हर हफ्ते नए लाइसेंस के 80-90 आवेदक
  • 600 आवेदनों को अभी निरस्त किया गया है

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बढ़ते बंदूक के क्रेज को लेकर हर वर्ग चिंतित है, क्योंकि यहां होने वाले वारदातों में इसका इस्तेमाल जमकर होता है। हथियारों के क्रेज का अंदाजा इसी से लगता है कि कलेक्टर, एडीएम से मिलने वाला हर तीसरा व्यक्ति लाइसेंस की फरियाद करता है। वहीं इस मुद्दे पर भी राजनीति जमकर होती है।

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लाइसेंसी हथियार का शौक सिर्फ आम लोग या जन प्रतिनिधियों को ही नहीं है, अफसर और उनकी पत्नियों को भी है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह और निगम आयुक्त किशोर कन्याल के नाम भी पिस्टल-रिवॉल्वर का लाइसेंस है। लाइसेंसी हथियार रखने वाले अफसरों की सूची में ग्वालियर के एसडीएम सहित कुछ अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

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