राज्यसभा में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ प्राइवेट मेंबर बिल पेश, विपक्षी दलों का तीखा विरोध

'Uniform Civil Code' private member's bill introduced राज्यसभा में समान नागरिक संहिता लागू करने से जुड़ा प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया।

राज्यसभा में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ प्राइवेट मेंबर बिल पेश, विपक्षी दलों का तीखा विरोध

'Uniform Civil Code' private member's bill

Modified Date: December 9, 2022 / 08:44 pm IST
Published Date: December 9, 2022 8:44 pm IST

‘Uniform Civil Code’ private member’s bill : नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को भारत में समान नागरिक संहिता लागू करने से जुड़ा प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया। बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इसे पेश किया। बिल को पेश करने के पक्ष में 63 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 23 वोट डाले गए। बिल में मांग की गई है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक National Inspection & Investigation Commission बनाया जाए।

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बिल पेश करने में विपक्षी दलों ने किया जमकर हंगामा

सभापति जगदीप धनखड़ ने जैसे ही मीणा का नाम यह विधेयक पेश करने के लिए पुकारा तो विपक्ष के कई सदस्य इसका विरोध करते हुए खड़े हो गए और कहा कि इसे पेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि यह सदन विचार विमर्श करने के लिए हैं और विधेयक पेश करना और अपनी बात कहना प्रत्येक सदस्य का अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने इस विधेयक को पेश करने का विरोध किया है। लेकिन सब कुछ प्रक्रिया के तहत होगा। इसके बाद उन्होंने मीणा को विधेयक पेश करने की अनुमति दी और विरोध कर रहे सदस्यों का नाम पुकारा।

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सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्ष के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि यह विधेयक संविधान के नीति नर्दिेशक सद्धिांतों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य विधेयक का विरोध करने के लिए संविधान सभा के सदस्यों के नाम का गलत ढंग से उल्लेख कर रहे हैं।

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संविधान के खिलाफ विधयेक

‘Uniform Civil Code’ private member’s bill : इससे पहले विधेयक को पेश करने का विरोध करते हुए एमडीएमके के वायको ने कहा कि भारत कई विचारों और भाषाओं तथा धर्मों का देश है। यह विधेयक भाजपा का एजेंडा है। इस पेश करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने कहा कि यह विधेयक मौलिक अधिकार 26 बी और 29(1) के खिलाफ हैं।

इसके प्रावधान संविधान की भावना के खिलाफ हैं। इसलिए इसे अनुमति नहीं देनी चाहिए। भारतीय कम्युनस्टि पार्टी के इलावरम करीम, मार्क्सवादी कम्युनस्टि पार्टी के जान ब्रिटास, द्रविड मुनेत्र कषगम के तिरुचि शिवा, कांग्रेस के एल. हनुमंतैया और इमरान प्रतापगढ़ी तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फौजिया खान ने भी विधेयक को पेश करने का विरोध किया।

 

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