Unique record: हमने अक्सर पेंशन के बारे में सुना होगा। हमें सरकार का वह नियम भी मालूम हैं जिसमे एक अधिकारी या कर्मचारी एक निश्चित उम्र से बाद सेवा से निवृत्त हो जाता हैं। इसके बाद नियोक्ता संस्था उसे जीवनयापन लिए एक निश्चित राशि का भुगतान भी करती हैं। आम सेवाओं में अमूमन एक कर्मी 60 वर्षो की उम्र में रिटायर होता हैं और कुछ वर्षो के बाकी बचे जीवनकाल में पेंशन की सुविधाएं लेता हैं। यह समय सीमा अधिकतम 20 से 25 साल तक होती हैं।
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Unique record: लेकिन राजस्थान के झूंझुनू के रहने वाले पूर्व सैनिक ने पेंशन से जुड़ा एक नया रिकार्ड अपने नाम किया हैं। हालाँकि वह अब हमारे बीच नहीं हैं। झूंझुनू के रहने वाले बोयतराम डूडी का सोमवार को निधन हो गया। वह भूतपूर्व सैनिक थे। निधन के दौरान उनकी उम्र 100 वर्ष पूरी हुई। बोयतराम डूडी सन 1957 में भारतीय सेना की सेवा से निवृत्त हुए थे। वही तब से लेकर अब तक उन्हें सेना की तरफ से करीब 66 सालो तक पेंशन हासिल होता रहा।
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Unique record: बताया गया है की 1957 में जब बोयतराम रिटायर हुए थे उस दौरान उनकी पेंशन राशि प्रतिमाह महज 19 रुपए थी। लेकिन फिलहाल यह 35 हजार 640 रुपए हो चुकी हैं। सेना के नियम अनुसार अब मृत सैनिक की पत्नी उनके पेंशन की हकदार होंगी जी आजीवन देय होगा। बताया जाता हैं की बोयतराम से ज्यादा समय तक पेंशनधारी अबतक कोई भी नहीं रहा हैं। सोमवार को निधन के पश्चात विधि विधान से उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।