‘मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से स्थानांतरित करने की मांग करने का उप्र को अधिकार नहीं है’

‘मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से स्थानांतरित करने की मांग करने का उप्र को अधिकार नहीं है’

‘मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से स्थानांतरित करने की मांग करने का उप्र को अधिकार नहीं है’
Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 pm IST
Published Date: March 4, 2021 10:35 am IST

नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) पंजाब सरकार और गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार को उन्हें रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में स्थानांतरित करने की मांग करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर पंजाब सरकार और रूपनगर जेल प्राधिकरण को निर्देश देने की मांग की कि मऊ के विधायक अंसारी की हिरासत जल्द से जल्द जिला जेल बांदा को सौंपी जाए।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर. एस. रेड्डी की पीठ ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार और अंसारी की याचिका पर फैसला सुनाएगी। अंसारी ने अपने खिलाफ मामलों को उत्तर प्रदेश के बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है।

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सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने जेल नियमों का हवाला दिया और कहा कि भले ही राज्य के पास मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन वह मुद्दे और पीड़ितों के अधिकारों का समर्थन कर सकता है और पीड़ित की भूमिका ले सकता है।

उन्होंने कहा कि यह कहना कि राज्य के पास मूलभूत अधिकार नहीं हैं, गलत है क्योंकि राज्य हमेशा पीड़ित और समाज की भूमिका का निर्वहन कर सकता है।

मेहता ने कहा कि अंसारी ने जेल नियमों का उल्लंघन किया और पीड़ितों के अधिकार तथा राज्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई बाधित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

अंसारी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि विपक्ष की एक पार्टी से जुड़े होने के कारण उसको निशाना बनाया जा रहा है।

रोहतगी ने कहा कि अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न अदालतों में पेश हो रहे हैं और ‘‘बकवास तर्क’’ दिए जा रहे हैं कि सुनवाई बाधित हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उत्तर प्रदेश से बाहर मामलों को स्थानांतरित करने का अनुरोध करता हूं। राज्य में राजनीतिक बदले की भावना के कारण उसे दिल्ली स्थानांतरित किया जा सकता है।’’

पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अंसारी के खिलाफ पिछले 14…15 वर्षों से आपराधिक सुनवाई चल रही है और उत्तर प्रदेश की रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाए।

अंसारी उगाही के एक कथित मामले में जनवरी 2019 से ही पंजाब के रूपनगर जिला जेल में बंद है। वह उत्तर प्रदेश में कई गंभीर आपराधिक मामलों में भी आरोपी है।

भाषा नीरज नीरज दिलीप

दिलीप


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