आगामी राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर भारत की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेगा: जयशंकर

आगामी राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर भारत की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेगा: जयशंकर

आगामी राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर भारत की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेगा: जयशंकर
Modified Date: April 16, 2025 / 09:32 pm IST
Published Date: April 16, 2025 9:32 pm IST

(फोटो के साथ)

अहमदाबाद, 16 अप्रैल (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि अहमदाबाद के निकट बनने वाला राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) भारत की समुद्री धरोहर और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेगा।

जयशंकर ने गुजरात दौरे के तीसरे दिन प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहरों में से एक लोथल पुरातात्विक स्थल और निर्माणाधीन एनएमएचसी का दौरा किया। यह जगह अहमदाबाद से लगभग 80 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।

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एनएमएचसी का दौरा करने के बाद जयशंकर ने कहा कि ऐसा संस्थान समुद्री क्षेत्र में हमारे अनुसंधान, योजना और विमर्शों को आधार प्रदान करेगा।

जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘लोथल पुरातात्विक स्थल और निर्माणाधीन राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर का दौरा किया। यह परिसर हमारी समुद्री धरोहर के साथ-साथ आकांक्षाओं का भी प्रतिनिधित्व करेगा। जैसे-जैसे हम विजन ‘महासागर’ को आगे बढ़ाएंगे, ऐसा संस्थान समुद्री क्षेत्र में हमारे शोध, योजना और विमर्शों को आधार प्रदान करेगा।’’

बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय भारत की 4,500 साल पुरानी समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के लिए लोथल में एक विश्व स्तरीय एनएमएचसी स्थापित कर रहा है। अक्टूबर 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस परियोजना के विकास को मंजूरी दी, जिसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। चरण एक ए के 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने कहा कि एनएमएचसी परियोजना के विकास के दौरान लगभग 22,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। एनएमएचसी के कार्यान्वयन से विकास को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय समुदायों, पर्यटकों और आगंतुकों, शोधकर्ताओं और विद्वानों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों, पर्यावरण और संरक्षण समूहों और व्यवसायों को काफी मदद मिलेगी।

भाषा आशीष माधव

माधव


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