उत्तराखंड : हरिद्वार में मनसा देवी पहाड़ियों से भूस्खलन, हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रेल मार्ग बाधित

उत्तराखंड : हरिद्वार में मनसा देवी पहाड़ियों से भूस्खलन, हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रेल मार्ग बाधित

उत्तराखंड : हरिद्वार में मनसा देवी पहाड़ियों से भूस्खलन, हरिद्वार-देहरादून-ऋषिकेश रेल मार्ग बाधित
Modified Date: September 8, 2025 / 11:43 am IST
Published Date: September 8, 2025 11:43 am IST

हरिद्वार, आठ सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के हरिद्वार में हर की पौड़ी के नजदीक सोमवार तड़के मनसा देवी की पहाड़ियों से एक बार फिर भारी भूस्खलन हुआ जिससे हरिद्वार—देहरादून—ऋषिकेश रेलमार्ग बाधित हो गया ।

अधिकारियों ने बताया कि हरिद्वार में हो रही भारी बारिश से मनसा देवी पहाड़ियों से तेज गति से मिट्टी और चट्टानों का मलबा भीमगोड़ा रेल सुरंग के समीप पटरी पर आ गिरा जिससे वंदे भारत सहित एक दर्जन से अधिक ट्रेनों का संचालन थम गया । रेल पटरी के पास बना एक शिव मंदिर भी भूस्खलन में ध्वस्त हो गया ।

कुछ दिन पहले भी इसी स्थान पर पहाड़ी से भूस्खलन होने से रेल मार्ग अवरूद्ध हुआ था ।

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रेलवे की ओर से पहाड़ी और रेल पटरी के बीच लोहे का बड़ा भारी जाल लगाया गया है लेकिन इसके बावजूद भारी मात्रा में बड़े बड़े पत्थरों के टुकड़े जाल को तोड़कर पटरी पर आ गिरे।

भारी भूस्खलन से हरिद्वार-देहरादून—ऋषिकेश रेल मार्ग पर एक दर्जन से अधिक रेलगाड़ियों का आवागमन प्रभावित हुआ है ।

रेल पटरी पर भूस्खलन होने की सूचना मिलते ही प्रशासन और रेलवे विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया । गैस कटर की मदद से क्षतिग्रस्त जाल को काट कर जेसीबी मशीन से पटरी से पत्थरों को हटाया जा रहा है।

जीआरपी की पुलिस अधीक्षक अरुणा भारती ने बताया कि भूस्खलन से फिलहाल रेल मार्ग पर रेलगाड़ियों का संचालन बाधित है। उन्होंने बताया कि वंदे भारत सहित एक दर्जन से अधिक ट्रेनों को रोका गया है और रेलमार्ग को साफ कर उसे जल्द शुरू करने की कोशिश की जा रही है ।

उन्होंने कहा कि ज्यादा मात्रा में मलबा और बहुत बड़े—बड़े पत्थर आने के कारण पटरी पर आवागमन बहाल करने में समय लग सकता है । उन्होंने शाम तक रेलगाड़ियों का आवागमन शुरू होने की उम्मीद जतायी ।

पुलिस क्षेत्राधिकारी स्वप्निल सुयाल के अनुसार मनसा देवी पहाड़ियों से भूस्खलन होने से रेल पटरी के पास बने दो प्राचीन मंदिरों में से एक शिव मंदिर ध्वस्त हो गया है।

भाषा सं दीप्ति

मनीषा

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