उत्तराखंड में उच्च न्यायालय ने गृह सचिव, डीजीपी को तलब किया, कानून-व्यवस्था की स्थिति पर जताई चिंता

उत्तराखंड में उच्च न्यायालय ने गृह सचिव, डीजीपी को तलब किया, कानून-व्यवस्था की स्थिति पर जताई चिंता

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  • Publish Date - August 19, 2025 / 10:09 PM IST,
    Updated On - August 19, 2025 / 10:09 PM IST

नैनीताल, 19 अगस्त (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता तथा पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदेश के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को 22 अगस्त को पेश होने का मंगलवार को निर्देश दिया।

अदालत ने नैनीताल जिला पंचायत के स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के संबंध में स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल में चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई हिंसा का जिक्र किया।

मुख्य न्यायाधीाश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय ने पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की और पुलिस की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को शुक्रवार को अदालत में पेश होने के निर्देश दिए।

अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 22 अगस्त तय की है।

खंडपीठ ने अदालती कार्यवाही का वीडियो वायरल होने पर भी कड़ी नाराजगी जताई और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।

मामले के अनुसार, जिला पंचायत सदस्य पुष्पा नेगी ने 14 अगस्त को नैनीताल जिला पंचायत चुनावों के दौरान पांच जिला पंचायत सदस्यों—दिकार सिंह, विपन जंतवाल, तरूण कुमार शर्मा, प्रमोद सिंह और दीप सिंह बिष्ट के कथित अपहरण के संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

अपनी याचिका में नेगी ने नैनीताल पुलिस प्रशासन पर लापरवाही बरतने और अपहरणकर्ताओं के खिलाफ समय पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया।

इस याचिका के आधार पर उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की।

अदालत ने कहा कि इन घटनाओं ने सभी को विचलित कर दिया है। अदालत ने कहा कि असलहों के इस्तेमाल की घटनाएं हुई हैं और हथियारों एवं कट्टों (देशी पिस्तौल) के इस्तेमाल से सख्ती से निपटने की जरूरत है।

उसने कहा कि गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को अदालत में पेश होना चाहिए और बंदूक संस्कृति को खत्म करने में मदद करनी चाहिए।

भाषा सं दीप्ति सिम्मी

सिम्मी