उत्तराखंड: पांगला क्षेत्र में भालुओं के दिखने से ग्रामीण चिंतित, जागरुकता अभियान शुरू

उत्तराखंड: पांगला क्षेत्र में भालुओं के दिखने से ग्रामीण चिंतित, जागरुकता अभियान शुरू

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  • Publish Date - November 24, 2025 / 05:54 PM IST,
    Updated On - November 24, 2025 / 05:54 PM IST

पिथौरागढ़, 24 नवंबर (भाषा) उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के पांगला क्षेत्र में इन दिनों भालुओं के बार-बार दिखने से ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल है जिसे देखते हुए वन विभाग ने स्थानीय लोगों को सतर्क करने के लिए जागरुकता अभियान शुरू किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पिथौरागढ़ के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) आशुतोष सिंह ने बताया, ‘‘धारचूला के पांगला क्षेत्र में पिछले दिनों पांच से अधिक बार भालुओं के दिखने के बाद हम पिछले सप्ताह से जागरुकता अभियान चला रहे हैं।’’

उन्होंने बताया, ‘‘वन अधिकारियों की टीम गांव-गांव जाकर लोगों को भालू से संभावित खतरे के बारे में आगाह कर रही हैं और सतर्क रहने की सलाह दे रही हैं। टीम ग्रामीणों को बता रही है कि भालू निचली घाटियों तक आ गए हैं और अचानक आमना-सामना होना किसी भी व्यक्ति के लिए खतरनाक हो सकता है।’’

डीएफओ के अनुसार मौसम में बदलाव और प्राकृतिक आवास में बाधा आने के कारण भालू मानव बस्तियों की ओर आ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पांगला क्षेत्र में बार-बार भालू के दिखने के पीछे सड़क परियोजना को मुख्य कारण बताया गया है, जिससे उनके प्राकृतिक वास में खलल पड़ा है।

उन्होंने बताया, ‘‘इस वर्ष अप्रैल से अब तक भालू के हमले की आठ घटनाएं हुई हैं, जिनमें लोग घायल हुए हैं।’’

धारचूला निवासी शालू दताल ने बताया कि भालू अब राजमार्गों पर भी दिखाई देने लगे हैं। उन्होंने हाल में तवाघाट मार्ग पर एक भालू परिवार को देखे जाने का दावा किया।

पांगला की ग्राम प्रधान सपना बिष्ट ने कहा कि गांव की एक पनचक्की को भालू ने वहां रखे मक्के के दाने खाने के लिए तोड़ दिया। घटना के बाद ग्रामीणों ने पनचक्की की ओर जाना बंद कर दिया है।

मुनस्यारी उप मंडल के उच्च हिमालयी गांव भी इन दिनों भालू के कारण दहशत में हैं। मुनस्यारी निवासी पूरन पांडे ने बताया कि जोहार घाटी में खाने की तलाश में भालुओं ने घरों की छतें तक तोड़ दी हैं।

थल बाजार के भाटीगांव क्षेत्र के ग्रामीण भी पिछले चार दिन से भालू के एक परिवार की मौजूदगी से दहशत में हैं।

भाषा सं दीप्ति खारी

खारी

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