टीकाकरण से लंबे समय तक कोरोना संक्रमित रहने का खतरा हो जाता है आधा: अध्ययन

टीकाकरण से लंबे समय तक कोरोना संक्रमित रहने का खतरा हो जाता है आधा: अध्ययन

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  • Publish Date - March 24, 2023 / 03:43 PM IST,
    Updated On - March 24, 2023 / 03:43 PM IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण लंबे समय तक बरकरार रहने का खतरा आधा हो जाता है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

‘जेएएमए इंटरनल मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कोविड-19 के दीर्घकालिक लक्षण पैदा होने के जोखिमों को उजागर किया गया है।

आठ लाख 60,000 से अधिक लोगों पर किए गए अध्ययन में यह भी पता चला है कि अधिक वजन वाले लोगों, महिलाओं, धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों और 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के लंबे समय तक कोविड से ग्रस्त रहने की आशंका रहती है।

ब्रिटेन में ईस्ट एंगलिया यूनिवर्सिटी (यूईए) के अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अस्थमा, सीओपीडी, टाइप 2 मधुमेह, हृदयरोग और अवसाद के कारण भी कोरोना संक्रमण लंबे समय तक टिके रह सकता है।

गंभीर कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पताल में रहने वाले रोगी भी लंबे समय तक कोविड-19 का शिकार बन सकते हैं।

यूईए के प्रोफेसर वैसिलिओस वैसिलिओयू तथा नॉर्विक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने कहा, “दीर्घकालिक कोविड एक जटिल स्थिति है, जो कोविड होने के दौरान या उसके बाद विकसित होती है, और इसे तब वर्गीकृत किया जाता है, जब लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहते हैं।”

वैसिलिओयू ने कहा, “सांस फूलना, खांसी, दिल की धड़कन तेज होना, सिरदर्द, और अत्यधिक थकान सबसे प्रचलित लक्षणों में से हैं। अन्य लक्षणों में सीने में दर्द या जकड़न, दिमाग का ठीक से काम नहीं करना, अनिद्रा, चक्कर आना, जोड़ों में दर्द, अवसाद और चिंता, कानों में झनझनाहट, भूख न लगना आदि शामिल हो सकते हैं।”

उन्होंने कोविड होने के कारणों का पता लगाने के लिए दुनिया भर में 860,783 पर हुए 41 अध्ययनों के डेटा को देखा।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को टीका नहीं लगा था, उनकी तुलना में टीका लगवा चुके लोगों के दीर्घकालिक कोविड की चपेट में आने का लगभग आधा जोखिम था।

भाषा जोहेब दिलीप

दिलीप