कोटा में युवक की चाकू घोंपकर हत्या के बाद हिंसक प्रदर्शन, सुरक्षा बढ़ाई गई

कोटा में युवक की चाकू घोंपकर हत्या के बाद हिंसक प्रदर्शन, सुरक्षा बढ़ाई गई

कोटा में युवक की चाकू घोंपकर हत्या के बाद हिंसक प्रदर्शन, सुरक्षा बढ़ाई गई

Suicide bomber kills 13 at Somalia

Modified Date: May 18, 2025 / 10:27 pm IST
Published Date: May 18, 2025 10:27 pm IST

कोटा (राजस्थान), 18 मई (भाषा) जमानत पर बाहर आए एक अपराधी ने मामूली बात पर हुए झगड़े के बाद एक युवक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी, जिसके बाद रविवार को यहां कनवास कस्बे में हिंसक प्रदर्शन हुए और भीड़ ने आरोपी के घर को आग लगाने का प्रयास किया।

अधिकारियों ने कहा कि घटना में आरोपी के एक रिश्तेदार की सड़क किनारे बनी दुकान जलकर खाक हो गई। उन्होंने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने और किसी भी सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए कनवास में अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है।

कोटा (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक सुजीत शंकर के अनुसार, वारदात एक शोरुम के बाहर हुई। उनके मुताबिक, आरोपी अतीक अहमद ने स्थानीय निवासी पीड़ित संदीप शर्मा से उसके लिए कुर्सी खाली करने को कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में बहस हो गयी। शंकर ने बाताया कि अहमद वहां से चला गया और करीब 10 मिनट बाद चाकू लेकर वापस आया। उसने शर्मा पर कई बार हमला किया और मौके से भाग गया

 ⁠

एसपी ने कहा कि युवक की मौके पर ही मौत हो गयी।

अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की तलाश के लिए पुलिस टीम भेजी गई हैं। आरोपी के खिलाफ पहले से ही तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह जमानत पर बाहर था।

घटना के विरोध में गुस्साए व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। पुलिस ने बताया कि हिंदू संगठनों के सदस्यों के साथ ग्रामीणों ने आरोपी के घर को आग लगाने की कोशिश की। अधिकारियों ने कहा, “आरोपी के एक रिश्तेदार की सड़क किनारे स्थित दुकान आग में जलकर खाक हो गई।”

इस बीच, मृतक के परिवार और स्थानीय ग्रामीणों ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उसके घर को गिराने की मांग की।

राजस्थान के मंत्री हीरालाल नागर, संभागीय आयुक्त राजेंद्र शेखावत, कोटा के कलेक्टर रवींद्र गोस्वामी और एसपी सुजीत शंकर कनवास कस्बे पहुंचे और पीड़ित के परिवार के सदस्यों और स्थानीय ग्रामीणों से बात की।

सूत्रों के अनुसार, शाम को परिवार को मुआवजा और अन्य सहायता का आश्वासन दिए जाने के बाद वे पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हो गए। हालांकि, इस घटनाक्रम पर वरिष्ठ अधिकारियों से पूछे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं मिल सका।

भाषा प्रशांत दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में