वीएमएफटी ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों से संबंधित रिपोर्ट जारी की

वीएमएफटी ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों से संबंधित रिपोर्ट जारी की

वीएमएफटी ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों से संबंधित रिपोर्ट जारी की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: January 22, 2021 2:26 pm IST

नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिकों द्वारा जिन समस्याओं का सामना किया गया, उन पर गहराई से प्रकाश डालने वाली एक रिपोर्ट शुक्रवार शाम को जारी की गई।

केरल के वक्कम मौलवी फाउंडेशन ट्रस्ट (वीएमएफटी) की ओर से आयोजित वेबिनार के दौरान वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और सुदीप ठाकुर ने ”आवाज, पहचान और आत्मसम्मान” शीर्षक वाली इस रिपोर्ट को जारी किया।

वेबिनार के दौरान ट्रस्ट के अध्यक्ष वीके दामोदरन ने कहा कि लॉकडाउन लगते ही प्रवासी श्रमिकों को भारी परेशानी का सामना करना पडा और अचानक हुई घोषणा से श्रमिक पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करने को मजबूर हुए।

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उन्होंने कहा कि सरकार से पहले नागरिक समाज को प्रवासी श्रमिकों का दर्द समझाना चाहिए और नीति-निर्माताओं को विशेष तौर पर इस तबके को ध्यान में रखना चाहिए ताकि किसी भी संकट के समय उन्हें दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।

रिपेार्ट में केरल सरकार एवं नागरिक समाज द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए उठाए गए बेहतर कदमों का उल्लेख किया गया है।

दामोदरन ने कहा कि इस रिपोर्ट के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों की आवाज को सामने लाने का प्रयास किया गया है।

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने कहा कि प्रवासी मजदूर किसी भी तंत्र की रीढ़ के समान हैं लेकिन इसके बावजूद समाज में उनके महत्व को अब तक पूरी तरह समझा नहीं गया है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूर वापस शहरों की ओर लौट रहे हैं, ऐसे में प्रवासी मजदूरों का डेटा तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें उनके आने वाले स्थान और पहुंचने के स्थान की पूरी जानकारी भी तंत्र के पास उपलब्ध हो सके जोकि नीति-निर्धारण में भी सहायक साबित होगा।

वेबिनार के दौरान दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कश्मीर, झारखंड, तिरुवनंतपुरम और बिहार के अलावा कई राज्यों से वक्ताओं ने हिस्सा लिया।

भाषा शफीक उमा

उमा


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