Voter ID-Aadhaar Link: आधार से लिंक होगा वोटर आईडी, चुनाव आयोग ने इस वजह से लिया बड़ा फैसला
Voter ID-Aadhaar Link: आधार और वोटर आईडी (EPIC) को लिंक करने का रास्ता साफ़ हो गया है। दिल्ली में गृह मंत्रालय से लेकर कानून मंत्रालय
Voter ID-Aadhaar Link/ Image Credit: IBC24 File Image
- आधार और वोटर आईडी (EPIC) को लिंक करने का रास्ता साफ़ हो गया है।
- दिल्ली में गृह मंत्रालय से लेकर कानून मंत्रालय, UIDAI और चुनाव आयोग के अधिकारियों की अहम बैठक हुई।
- इस बैठक में चुनाव आयोग ने आधार और वोटर आईडी को आपस में जोड़ने की अनुमति दे दी है।
नई दिल्ली: Voter ID-Aadhaar Link: आधार और वोटर आईडी (EPIC) को लिंक करने का रास्ता साफ़ हो गया है। दिल्ली में गृह मंत्रालय से लेकर कानून मंत्रालय, UIDAI और चुनाव आयोग के अधिकारियों की अहम बैठक हुई। इस बैठक में चुनाव आयोग ने आधार और वोटर आईडी को आपस में जोड़ने की अनुमति दे दी है। इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के अनुसार ईपीआईसी को आधार से जोड़ा जाएगा. इससे पहले सरकार ने पैन कार्ड को आधार से जोड़ने का फैसला किया था।
देश में चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए निर्वाचन आयोग ने वोटर आईडी (EPIC) को आधार कार्ड से जोड़ने का निर्णय लिया है। इस फैसले पर निर्वाचन आयोग और गृह मंत्रालय की बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। यह कदम मतदाता सूची में गड़बड़ियों को रोकने और फर्जी वोटिंग पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है।
क्या है आधार-वोटर आईडी लिंकिंग का उद्देश्य
Voter ID-Aadhaar Link: निर्वाचन आयोग के अनुसार, वोटर आईडी को आधार से जोड़ने से डुप्लीकेट और फर्जी मतदाताओं की पहचान की जा सकेगी। कई मामलों में देखा गया है कि एक ही व्यक्ति के पास अलग-अलग स्थानों पर वोटर कार्ड उपलब्ध होते हैं, जिससे चुनाव में धांधली की संभावना बढ़ जाती है। इस नई व्यवस्था से इस समस्या का समाधान होगा और चुनावी प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष बनेगी।
इस निर्णय को लागू करने के लिए यूआईडीएआई (UIDAI) और निर्वाचन आयोग (ECI) के तकनीकी विशेषज्ञों के बीच जल्द ही चर्चा शुरू होगी। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वोटर आईडी-आधार लिंकिंग की प्रक्रिया सरल और प्रभावी हो।
राजनीतिक दलों ने उठाए सवाल
Voter ID-Aadhaar Link: इस फैसले पर कुछ राजनीतिक दलों ने सवाल उठाए हैं। तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (UBT), एनसीपी (SCP) और बीजेडी सहित कुछ दलों ने एक ही EPIC नंबर वाले मतदाताओं की समस्या को उठाया है। आयोग ने माना कि कुछ राज्यों में तकनीकी त्रुटियों के कारण एक ही नंबर दोबारा जारी किए गए थे, लेकिन इसे किसी तरह की साजिश नहीं माना जा सकता।

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