कोलकाता, 31 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग छिड़ गई।
भाजपा ने दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी की ”तुष्टीकरण की राजनीति” के कारण यह घटना हुई।
दूसरी ओर, टीएमसी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए समाज का ध्रुवीकरण करने की भाजपा की साजिश के तहत ऐसा हुआ।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने प्रेस वार्ता में कहा कि हिंसा ममता बनर्जी सरकार की कथित तुष्टिकरण की राजनीति का नतीजा थी जो “राष्ट्र-विरोधी ताकतों’ पर लगाम लगाने में विफल रही है।”
अधिकारी ने कहा कि वह घटना की राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) से जांच कराने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को हिंसा को नियंत्रित करने में विफलता के लिए पद छोड़ देना चाहिए और “हिंदुओं की संपत्तियों पर हमले के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए।”
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि शांति और सद्भाव को भंग करने के भाजपा के प्रयासों के तहत पुलिस की अनुमति के बिना शोभायात्रा निकाली गई।
उन्होंने यह दावा भी किया कि खुफिया जानकारी से पता चलता है कि काजीपाडा में हिंसा भाजपा द्वारा रची गई एक गहरी साजिश थी जो लोगों को राजनीतिक लाभ के लिए धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहती है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में बृहस्पतिवार की शाम रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीच हिंसा हो गयी थी। घटना तब हुई, जब शोभायात्रा काजीपाडा इलाके से गुजर रही थी। हिंसा के दौरान कई दुकानों और ऑटो-रिक्शा में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ पुलिस वाहनों सहित कई कार में आग लगा दी गई थी।
भाषा जोहेब देवेंद्र
देवेंद्र
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