काले झंडे लहराना अवैध या अपमानजनक नहीं: केरल उच्च न्यायालय

काले झंडे लहराना अवैध या अपमानजनक नहीं: केरल उच्च न्यायालय

  •  
  • Publish Date - November 21, 2024 / 09:43 PM IST,
    Updated On - November 21, 2024 / 09:43 PM IST

कोच्चि, 21 नवंबर (भाषा) केरल की वाम सरकार को झटका देते हुए यहां उच्च न्यायालय ने कहा कि मुख्यमंत्री के काफिले के समक्ष काले झंडे लहराना कोई गैरकानूनी कृत्य नहीं है और यह मानहानि के समान नहीं है।

न्यायमूर्ति बी कुरियन थॉमस का फैसला महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल राज्य सरकार के जनसंपर्क कार्यक्रम ‘नव केरल सदास’ के दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को काले झंडे दिखाने के लिए कई युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा था।

न्यायमूर्ति थॉमस ने कहा, ‘‘हालांकि दृष्टिगोचर होने वाले संकेत किसी व्यक्ति को बदनाम करने का एक तरीका हो सकते हैं, फिर भी किसी व्यक्ति को काला झंडा दिखाना या लहराना मानहानि नहीं हो सकता है और न ही यह एक अवैध कृत्य है।’’

अदालत ने यह फैसला 2017 में यहां के पास उत्तरी परवूर से गुजर रहे विजयन के काफिले के आगे काले झंडे लहराने के लिए तीन व्यक्तियों के खिलाफ अंतिम रिपोर्ट को रद्द करते हुए दिया।

अदालत ने कहा कि आम तौर पर काला झंडा लहराना विरोध दर्शाने का संकेत है और जब तक इसे प्रतिबंधित करने वाला कोई कानून नहीं बनाया जाता तब तक ऐसा आचरण मानहानि के अपराध के दायरे में नहीं आता।

भाषा संतोष अविनाश

अविनाश