प.बंगाल : नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने भाजपा, कांग्रेस नेताओं से अपने प्रदर्शन के लिए समर्थन मांगा

प.बंगाल : नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने भाजपा, कांग्रेस नेताओं से अपने प्रदर्शन के लिए समर्थन मांगा

प.बंगाल : नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों ने भाजपा, कांग्रेस नेताओं से अपने प्रदर्शन के लिए समर्थन मांगा
Modified Date: May 22, 2025 / 10:55 am IST
Published Date: May 22, 2025 10:55 am IST

कोलकाता, 22 मई (भाषा) हाल में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले पश्चिम बंगाल के शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की तथा राज्य शिक्षा विभाग मुख्यालय के बाहर जारी अपने ‘‘गैर-राजनीतिक’’ धरने के लिए समर्थन मांगा।

करीब 20 शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा नेताओं से मिलकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कराने का अनुरोध किया।

ये शिक्षक पिछले कई दिनों से पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग के मुख्यालय ‘विकास भवन’ के बाहर धरना दे रहे हैं और अपनी बहाली की मांग कर रहे हैं।

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एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि ‘डिजर्विंग टीचर्स राइट्स फोरम’ के लगभग 20 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल यहां पार्टी कार्यालय में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता देबाश्री चौधरी से मिला और राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री से मुलाकात के लिए मदद मांगी।

उन्होंने केंद्र सरकार से अपनी कानूनी लड़ाई में समर्थन की भी मांग की।

फोरम के सदस्य सुमन विश्वास ने कहा, ‘‘हम विभिन्न दलों के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि वे हमारे साथ हुए अन्याय के खिलाफ हमारे इस गैर-राजनीतिक आंदोलन में शामिल हों।’’

प्रतिनिधिमंडल राज्य कांग्रेस मुख्यालय ‘विधान भवन’ भी पहुंचा और पार्टी अध्यक्ष शुभंकर सरकार समेत वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर उनका समर्थन मांगा।

पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक नेता ने बताया कि लोकसभा सदस्य राहुल गांधी पहले राष्ट्रीय नेता हैं जिन्होंने हाल में राष्ट्रपति को पत्र लिखकर 25,753 शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों की समस्याओं के विषय में उन्हें सूचित किया।

उच्चतम न्यायालय ने राज्य-सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को अमान्य ठहराते हुए चयन प्रक्रिया को ‘‘दूषित एवं भ्रष्ट’’ बताया था।

धरना दे रहे शिक्षक राज्य सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि वह उनकी स्थायी बहाली के लिए कदम उठाए। उन्होंने शीर्ष अदालत द्वारा निर्देशित नयी भर्ती परीक्षा में शामिल होने से भी इनकार कर दिया है।

भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सतरूप घोष उन नेताओं में शामिल हैं जो ‘विकास भवन’ के बाहर धरनास्थल पर पहुंचे और आंदोलन को समर्थन तथा हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।

फोरम के एक अन्य नेता महबूब मंडल ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि आम नागरिक, समाज के सदस्य और प्रमुख हस्तियां अपने राजनीतिक विचारों को दरकिनार करते हुए हमारे साथ जुड़ें।’’

‘विकास भवन’ के बाहर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों और पुलिस के बीच 15 मई की शाम झड़प हो गयी थी। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, प्रदर्शन स्थल पर पुलिस और शिक्षकों के बीच झड़प के दौरान कई शिक्षक, विशेषकर महिलाएं घायल हुई थीं।

पुलिस उपायुक्त (बिधाननगर) अनीश सरकार ने बताया कि प्रदर्शनकारी शिक्षकों से शिक्षा विभाग के फंसे हुए कर्मचारियों को घर लौटने की अनुमति देने के बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखा।

भाषा राखी मनीषा

मनीषा


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