एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी क्यों नहीं घटाया जा सकता: दिल्ली उच्च न्यायालय का केंद्र से प्रश्न

एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी क्यों नहीं घटाया जा सकता: दिल्ली उच्च न्यायालय का केंद्र से प्रश्न

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  • Publish Date - December 26, 2025 / 05:23 PM IST,
    Updated On - December 26, 2025 / 05:23 PM IST

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से पूछा कि राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए, आम आदमी के लिए एयर प्यूरीफायर को किफायती बनाने के लिए उस पर लगने वाले जीएसटी को क्यों नहीं घटाया जा सकता।

उच्च न्यायालय ने केन्द्र के समक्ष यह प्रश्न तब उठाया जब केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने यह तर्क दिया कि जीएसटी परिषद एक संवैधानिक निकाय है और यह अब दिल्ली का एकतरफा कर नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पूरे भारत में लागू संघीय कर है, इसलिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहमति आवश्यक है और इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री भी सदस्य के रूप में शामिल होते हैं।

केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण ने कहा कि मतदान प्रत्यक्ष तौर पर होना है और यह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में एक अत्यंत विस्तृत जवाबी हलफनामा दाखिल करेगी।

न्यायमूर्ति विकास महाजन और न्यायमूर्ति विनोद कुमार की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र सरकार को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 9 जनवरी की तारीख तय की।

पीठ ने कहा, ‘‘ लेकिन अदालत की चिंता यह है कि दिल्ली और आसपास के इलाकों की स्थिति को देखते हुए, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत क्यों नहीं किया जाना चाहिए।’’

पीठ ने कहा, ‘‘आप जो भी तरीका अपनाना चाहें अपना सकते हैं और कोई न कोई रास्ता निकालें। कीमत 10,000-12,000 रुपये से शुरू होकर 60,000 रुपये तक जाती है, जो आम आदमी की पहुंच से बाहर है। क्यों न इसे एक उचित स्तर पर लाया जाए जो आम आदमी की पहुंच में हो?’’

अदालत उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र सरकार को एयर प्यूरीफायर को ‘चिकित्सा उपकरण’ की श्रेणी में रखने और वस्तु एवं सेवा कर घटाकर पांच प्रतिशत करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। वर्तमान में एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत कर है।

अधिवक्ता कपिल मदन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न ‘अत्यंत आपातकालीन संकट’ को देखते हुए, एयर प्यूरीफायर को विलासिता की वस्तु नहीं माना जा सकता है।

सुनवाई के दौरान, पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि पिछली सुनवाई में भी अदालत उसके साथ थी क्योंकि जो मुद्दा उठाया गया है वह ऐसा है जिससे ‘हर कोई चिंतित है’।

इस बात से सहमत होते हुए एएसजी ने कहा कि इस मामले पर उच्च स्तरीय स्तर पर विचार-विमर्श किया गया जिसमें वित्त मंत्री भी शामिल थीं और बृहस्पतिवार को उनकी एक आपात बैठक हुई, लेकिन इस रिट याचिका को लेकर कुछ चिंताएं हैं।

अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि जीएसटी परिषद की बैठक आयोजित करने में क्या कठिनाई है।

इससे पहले 24 दिसंबर को अदालत ने जीएसटी परिषद को जल्द से जल्द बैठक करने और एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी को कम करने या समाप्त करने पर विचार करने का निर्देश दिया था।

भाष शोभना माधव

माधव