गिरफ्तार मंत्री को ममता बनर्जी कैबिनेट में क्यों बरकरार रखा गया है: अधिकारी

गिरफ्तार मंत्री को ममता बनर्जी कैबिनेट में क्यों बरकरार रखा गया है: अधिकारी

गिरफ्तार मंत्री को ममता बनर्जी कैबिनेट में क्यों बरकरार रखा गया है: अधिकारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: July 27, 2022 9:10 pm IST

कोलकाता, 27 जुलाई (भाषा) पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदू अधिकारी ने बुधवार को सवाल किया कि कथित स्कूल नौकरी घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा पार्थ चटर्जी को मंत्री के रूप में क्यों बरकरार रखा गया है।

अधिकारी ने यहां राजभवन में राज्यपाल ला गणेशन से मुलाकात करके उद्योग, वाणिज्य और संसदीय मामलों के मंत्री चटर्जी को मंत्री पद से हटाने की मांग की।

अधिकारी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘इतनी सूचना और सबूत के बावजूद उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया।’’

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2020 में भाजपा में शामिल होने से पहले ममता बनर्जी सरकार में एक मंत्री रह चुके अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह ‘‘उनकी यह दिखाने की रणनीति है कि वह अच्छी हैं और अन्य नहीं।’’

मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अदालत में दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को पार्टी की ओर से कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

चटर्जी और उनकी कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई को ईडी ने गिरफ्तार किया था, जो सरकार प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में कथित शिक्षक भर्ती अनियमितताओं में शामिल धन कहां से आया और कहां गया, इसकी जांच कर रहा है।

मुखर्जी के आवास से कथित तौर पर करोड़ों रुपये नकद और अन्य कीमती सामान बरामद किया गया । पीटीआई-भाषा इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका।

जब स्कूल नौकरी घोटाला हुआ तब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। एक विशेष ईडी अदालत ने दोनों को तीन अगस्त तक के लिए केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है।

भाषा अमित नरेश

नरेश


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