Why is BJP Attacking Sanjay Raut

क्यों संजय राउत के पीछे पड़ी है भाजपा? पुरानी दुश्मनी या कुछ और है वजह

क्यों संजय राउत के पीछे पड़ी है भाजपा? पुरानी दुश्मनी या कुछ और है वजह! Why is BJP Attacking Sanjay Raut Know

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : August 1, 2022/3:51 pm IST

मुंबईः BJP Attacking Sanjay Raut हमारे देश की मुख्य जांच एजेंसियों पर विपक्ष की तरफ़ से कई आरोप लगते हैं और इन आरोपो के आधार पर इन एजेंसियां को सीधे भाजपा से जोड़कर देखा जाता है, अब महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गरमा गई। इस बार वजह बने शिवसेना के तेज तर्रार नेता संजय राउत, इसके बाद से ही कई तरह की बातें सामने आ रही है। कहा यह भी जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी संजय राउत को निशाना बनाना चाहती है।

संजय राउत और भाजपा की दुश्मनी

BJP Attacking Sanjay Raut अगर हम यह कहें कि महाराष्ट्र की राजनीति से केंद्र कि सियासत में संजय राउत को शिवसेना का एक धुरंधर खिलाड़ी माना जाता है तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। संजय राउत ये भली भांति जानते हैं कि संसद के अंदर केंद्र सरकार पर और सड़क पर उसी सरकार पर हमला करने के लिए अलग अलग तेवर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। ज़रा इतिहास के पन्नों को पलटाएं तो हमें पता चलता है कि शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के जीवित रहते हुए ही जब संजय निरुपम शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे तब बाल ठाकरे ने ही संजय राउत को पार्टी के मुख पत्र “सामना“ का संपादक भी बनाया था। आज संजय राउत शिवसेना का एक बड़ा चेहरा है तो वहीं संजय निरुपम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है, यह बात ओर है कि पार्टी में उनके कुछ विवाद चल रहे हैं।

Read More: आस्था की बे-हिसाब चढ़ाई, यहां के कंकर-कंकर में बसे हैं शंकर, नाग देवता का अद्भुत मंदिर 

बाला साहब ठाकरे के दुनिया से विदा हो जाने के बाद शिवसेना की कमान उद्धव ठाकरे के हाथ में आई, और संजय राउत की उद्धव ठाकरे के साथ ऐसी बनी की राउत मानों उनका सर्वस्व हो यानी कि ठाकरे राऊत की हां के बिना कोई फैसला नहीं ले पाते हैं। उसकी एक वजह यह भी है कि जब उद्धव ठाकरे राजनीति और शिवसेना को ढंग से जानते भी नहीं थे तब भी संजय राउत को शिवसेना की अच्छी जानकारी थी।आपको बता दें कि वर्ष 2019 के अक्टूबर में जो चुनाव हुआ था फिर उन चुनाव के जो नतीजें आए थे उन नतीजों ने शिवसेना-।और बीजेपी के एक लंबे और पुराने गठबंधन को तोड़कर रख दिया। भारतीय जनता पार्टी शिवसेना को पीछे छोड़ते हुए राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी । लेकिन समस्या अभी भी थी पेंच यहां फंसा कि पहले ढाई साल मुख्यमंत्री किसका होगा। गौरतलब है कि पहला दावा और तो बीजेपी का ही था लेकिन यहां एक समस्या खड़ी हुई कि उद्धव ठाकरे इस बार को लेकर राजी नहीं हुए। राजनैतिक विश्लेषकों की मानें तो उस समय पार्टी का निर्णय वर्तमान परिदृश्य को देखे तो वह निर्णय गलत साबित हुआ और इस निर्णय को लेने में एक बड़ा नाम संजय राउत का बताया जाता है।

जानकर बताते है कि राउत ने जहां एक तरफ बीजेपी के लिए पहले उद्धव को सीएम बनने की जिद पर अड़ा रखा था तो वहीं उन्होंने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले अहमद पटेल से बात करके भी यह फिक्स कर लिया था कि शिवसेना, बीजेपी से नाता तोड़ने के लिए तैयार है और हम तीनों पार्टियां मिलकर अब राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार बना सकते हैं। और इन सबसे भाजपा काफ़ी आहत हुई, उसे बड़ा झटका लगा और इसी वजह से माना जा रहा है कि भाजपा के निशाने पर अब संजय राउत है।

Read More: BF ने राखी सावंत पर लुटाया प्यार, बुर्ज खलीफा के सामने दिया डायमंड का कीमती नेकलेस, दिखा रोमांटिक अंदाज 

एक वजह है ‘सामना’

शिवसेना के सांसद संजय राउत पार्टी के मुखपत्र मराठी अखबार सामना के कार्यकारी संपादक हैं। संजय राउत का भाषण और लेखन दोनों ही केंद्र सरकार के प्रति आक्रामक होता है। जैसा कि हमने आपको बताया कि 2019 में शिवसेना ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। उसके बाद से संजय राउत भाजपा के लिए महाराष्ट्र में कांटा बने हुए हैं। आपको बता दें शिवसेना में संजय राउत ही एक ऐसे नेता है जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मुंह से सत्ता छीन कर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस जैसे 3 अलग विचारधारा वाले दलों की सरकार बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और आपको बता दें कि भारत में जितनी भी राजनैतिक पार्टियां हैं उनमें सबसे कड़ी और एक अलग तरह से कूटनीति करने वाली भाजपा ही है, ऐसे में जब भाजपा के हाथ से शिवसेना की सत्ता गई तो संजय राउत भाजपा के सीधे निशाने पर आ गए । महाराष्ट्र की जिस कुर्सी पर बैठने उम्मीदें देवेंद्र फडणवीस ने बांध रखी थी, राउत ने उस उस पर उद्धव ठाकरे को बैठा दिया था। उनके इस काम से एक तरफ़ भाजपा आहत थी, वहीं शिवसेना में राउत के बढ़ते कद से शिवसेना के दूसरे नेता भी आहत थे। राउत के बढ़ते राजनीतिक ग्राफ ने उन्हें बीजेपी और शिवसेना के बागी नेताओं का शिकार बना रखा था। वहीं एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना में उद्धव ठाकरे के कमजोर होते ही राउत पर कानूनी कार्रवाई तय मानी जा रही थी।

Read More: नहीं मानी बहू तो बौखलाया जेठ, महिला के प्राइवेट पार्ट में डाल दी मिर्ची, जानिए क्या है पूरा मामला

कार्रवाई के दौरान बोले राउत

शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि मैं दबाव में आकर झुकूंगा नहीं और निडर होकर कार्रवाई का सामना करूंगा उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र को भी पता चल जाएगा कि हमारे जैसे कुछ लोग हैं, जो बिना किसी डर के जांच एजेंसियों का सामना करते हैं। और इससे अन्याय के खिलाफ लड़ने की ताकत मिलेगी। संजय राउत ने हिरासत में लिए जाने के बाद एक ट्वीट भी किया ट्वीट में राउत ने लिखा कि आप उस व्यक्ति को कभी नहीं हरा सकते, जो हार नहीं मानता। साथ ही राउत ने कहा है कि अगर मुझे अपनी जान भी देनी पड़े तो भी मैं ईडी के आगे नहीं झुकूंगा। संजय राउत ने आगे कहा कि , ईडी ने नौ घंटे तक घर पर पूछताछ की, हालांकि, उन्हें भ्रष्टाचार से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिले। राउत ने चुटकी लेते हुए कहा कि जिस पत्राचॉल मामले में यह कार्रवाई की जा रही है, उस पत्राचॉल के कितने पतरे जंग लगे हुए हैं और वह पत्राचॉल कौनसी है, मैं तो यह भी नहीं जानता

शिवसेना के अस्तित्व को मिटाने की कोशिश

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संजय राउत ने आरोप लगाया कि शिवसेना को खत्म करने के लिए ईडी द्वारा यह पूरी कार्रवाई की जा रही है। राउत ने आगे कहा कि ईडी के दबाव में कई लोग शिवसेना छोड़ रहे हैं। हालांकि, मैं पार्टी नहीं छोड़ूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए। राउत ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुझ पर शिवसेना को तोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है। यह कार्रवाई उद्धव ठाकरे को परेशान करने के लिए ही की जा रही है। चूंकि मैं बालासाहेब ठाकरे का शिवसैनिक हूं, इसलिए मुझे उनसे निडरता के गुण विरासत में मिले हैं। इसलिए मैं डरूंगा नहीं, लड़ूंगा। राउत ने यह भी कहा कि मैं खुद सांसद हूं। इसलिए मैं कानून के महत्व को समझता हूं। मैं जांच में पूरा सहयोग कर रहा हूं और करता रहूंगा।

Read More: मैं डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों में नहीं बैठता…जानिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने क्यों कही ये बातें

निदेशालय ने समन के बाद समय नहीं दिया

संजय राउत ने कहा कि उन्होंने समन जारी करने के बाद ईडी से पूछताछ के लिए पेश होने के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी,और कई लोगों को समय विस्तार दिया जाता है। हालांकि ईडी ने मुझे समय बढ़ा कर देने से मना कर दिया। फिलहाल संसद का सत्र चल रहा है। कुछ दिन पहले राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। इसीलिए मैं पूछताछ में शामिल नहीं हो सका। हालांकि आज बिना किसी नोटिस के ईडी के अधिकारी सुबह तड़के घर पहुंचे। हमारा पूरा परिवार इसके खिलाफ लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू से भी शिकायत की थी कि मुझ पर महा विकास आघाडी सरकार गिराने का दबाव बनाया जा रहा है। मेरी शिकायत पर कुछ कार्रवाई नहीं की गई।

BF ने राखी सावंत पर लुटाया प्यार, बुर्ज खलीफा के सामने दिया डायमंड का कीमती नेकलेस, दिखा रोमांटिक अंदाज