नई दिल्लीः Why oath administered on july 25 लंबे समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार 25 जुलाई यानी आज भारत की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू ने शपथ ले ली है। द्रौपदी मुर्मू को सीजेआई एनवी रमणा ने शपथ दिलाई। इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी सहित देश की कई नामी हस्तियां मौजूद रहे। बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराकर ये जीत हासिल की है। लेकिन क्या आपको पता है कि राष्ट्रपति पद की शपथ 25 जुलाई को ही क्यों ली जाती है और ये परंपरा कब से शुरू हुई है? तो चलिए आपको बताते हैं इसकी पूरी डिटेल।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Why oath administered on july 25 दरअसल देश के छठवें राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इसके बाद से देश में जितने भी राष्ट्रपति बनें उन्होंने 25 जुलाई को ही शपथ ली है। अब तक देश के कुल 8 राष्ट्रपतियों ने अपना कार्यकाल पूरा किया है। 24 जुलाई को रामनाथ कोविंद का भी कार्यकाल पूरा हो गया है और आज 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू देश के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगी।
इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में जब इमरजेंसी लगाई थी तो उसके बाद जब पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ तो पूर्व में जनता पार्टी के नेता रहे नीलम संजीव रेड्डी ने जीत हासिल की थी। नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई, 1977 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली. उसके बाद से हर पांच साल बाद 25 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति शपथ लेते रहे है।