नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में 51वां रैंक हासिल करने वाली रुचिका झा ने बताया कि पत्रकारिता की पृष्ठभूमि और न्यूजरूम में काम करने से उन्हें परीक्षा पास करने में मदद मिली।
अपने पांचवें प्रयास में प्रतिष्ठित परीक्षा पास करने वाली झा एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भी हैं। उन्होंने कहा कि पीटीआई न्यूजरूम में काम करने के दौरान ही उन्हें देश की सेवा करने का जुनून चढ़ा।
पत्रकारिता की नौकरी और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना एक कठिन काम था, लेकिन झा ने खाली समय और सप्ताहांत में पढ़ाई करके यह संतुलन कायम किया।
पीटीआई से खास बातचीत में झा ने कहा, ‘मेरी यूपीएससी यात्रा 2020 में शुरू हुई, जब मैं प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) में कॉपी एडिटर के तौर पर काम कर रही थी। मैंने भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया और फिर मीडिया इंडस्ट्री में काम करने लगी। पीटीआई में काम करते हुए मैंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की।”
उन्होंने कहा, ‘देश की सेवा करने और जमीनी स्तर पर काम करने के विचार ने मुझे प्रेरित किया। अपनी नौकरी और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं था, लेकिन मैंने खाली समय और सप्ताहांत का अच्छा इस्तेमाल किया।’
झा ने कहा कि पत्रकारिता की पृष्ठभूमि ने परीक्षा की तैयारी में उनकी मदद की और समाचारों की दुनिया में रहने की वजह से ‘करंट अफेयर्स’ पर उनकी पकड़ बढ़ी।
उन्होंने कहा, ‘हर दिन, मुझे समाचारों को पढ़ना, संपादित करना और प्रकाशित करना पड़ता था, जिससे करंट अफेयर्स और कई महत्वपूर्ण विषयों की मेरी समझ में सुधार हुआ। इसने गहराई से पढ़ने और सोचने की आदत विकसित करने में भी मेरी मदद की। पीटीआई ने पूरी यात्रा में मेरा साथ दिया, खासकर जब मैंने पढ़ाई पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए छुट्टी मांगी।”
उन्होंने कहा, ‘मैं नवंबर 2018 से अप्रैल 2022 तक पीटीआई में काम करने के दौरान सभी आवश्यक सहयोग देने के लिए अपने तत्कालीन सहकर्मियों की आभारी हूं। यह मेरा पांचवां प्रयास और दूसरा साक्षात्कार था। इस यात्रा में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन कड़ी मेहनत, धैर्य और अपने परिवार, दोस्तों और पूर्व सहकर्मियों के समर्थन से, मैंने आखिरकार 2025 में अपना लक्ष्य हासिल कर लिया।’
दिल्ली में जन्मीं और पली-बढ़ी झा का परिवार बिहार से है।
उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता रसायन विज्ञान के शिक्षक हैं और उन्होंने हमेशा अपने अनुशासन व समर्पण से मुझे प्रेरित किया है, जबकि मेरी मां एक गृहिणी हैं जो इस पूरी यात्रा में मेरा सबसे बड़ा भावनात्मक सहारा रही हैं।”
उन्होंने कहा, ‘मेरे परिवार की सरल व मेहनती पृष्ठभूमि ने मुझे हमेशा अपने लक्ष्यों की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया है।’
झा जामिया मिलिया इस्लामिया (जेएमआई) की आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) के 32 उम्मीदवारों में से हैं, जिन्होंने देश की सर्वाधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की है।
आईएएस, आईएफएस, आईपीएस और अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार – में आयोजित की जाती है।
प्रारंभिक परीक्षा 16 जून, 2024 को आयोजित की गई थी, जिसमें 9,92,599 लोगों ने आवेदन किया था और 5,83,213 उपस्थित हुए थे।
सितंबर में आयोजित मुख्य परीक्षा के लिए कुल 14,627 उम्मीदवारों का चयन हुआ, और 2,845 साक्षात्कार चरण में पहुंचे, जो 7 जनवरी से 17 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया गया था।
इस वर्ष, यूपीएससी ने विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति के लिए 1,009 उम्मीदवारों – 725 पुरुष और 284 महिलाओं का चयन किया है।
भाषा जोहेब मनीषा नरेश
नरेश
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