दिल्ली में यमुना का जलस्तर और बढ़ा, डूब क्षेत्र से लोगों की निकासी के प्रयास तेज : अधिकारी |

दिल्ली में यमुना का जलस्तर और बढ़ा, डूब क्षेत्र से लोगों की निकासी के प्रयास तेज : अधिकारी

दिल्ली में यमुना का जलस्तर और बढ़ा, डूब क्षेत्र से लोगों की निकासी के प्रयास तेज : अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : August 13, 2022/1:45 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार सुबह से यमुना नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बह रही है। निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने बताया कि सुबह पांच बजे जलस्तर 205.99 मीटर तक पहुंच गया। ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद शुक्रवार शाम करीब चसा बजे राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया था, जिसके बाद अधिकारियों को निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से हटाने की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी।

एक पूर्वानुमान में कहा गया है कि शाम पांच बजे के आसपास जलस्तर के 206 मीटर के निशान को छूने के बाद स्थिर रहने की संभावना है।

पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी अनिल बांका ने कहा कि जिले में निचले इलाकों से करीब 2,300 लोगों को बाहर निकाला गया और शुक्रवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि शनिवार को निकासी प्रयास तेज किये जाएंगे।

एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी तब घोषित की जाती है जब यमुना नगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा एक लाख क्यूसेक को पार कर जाती है। अधिकारी ने कहा कि इसी के साथ डूब क्षेत्र और बाढ़ संभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है।

बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी चेतावनी में सभी सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी रखने और नदी तटबंधों के निकट रहने वाले लोगों को चेतावनी देने के लिए आवश्यक संख्या में त्वरित कार्रवाई बलों की तैनाती जैसे संवेदनशील बिंदुओं पर आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई।

निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 34 नावों और सचल पंप तैनात किये हैं।

डूब क्षेत्र और निचले इलाकों से निकाले गए लोगों को अस्थायी संरचनाओं जैसे टेंट और स्कूल जैसे स्थायी भवनों में स्थानांतरित किया जा रहा है।

भाषा फाल्गुनी अमित

अमित

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)