यमन: मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स को राहत दिलाने के प्रयास आरोपों की गंभीरता के कारण बाधित

यमन: मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स को राहत दिलाने के प्रयास आरोपों की गंभीरता के कारण बाधित

यमन: मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स को राहत दिलाने के प्रयास आरोपों की गंभीरता के कारण बाधित
Modified Date: July 13, 2025 / 09:25 pm IST
Published Date: July 13, 2025 9:25 pm IST

नयी दिल्ली, 13 जुलाई (भाषा) यमन के एक नागरिक की हत्या के लिए अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को राहत दिलाने के प्रयास में सबसे बड़ी मुश्किल उसके खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दिए जाने की आशंका के बीच उसके परिवार और विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने भारत सरकार से उसे बचाने के लिए राजनयिक प्रयास करने का आह्वान किया है।

यमन की अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, निमिषा प्रिया ने जुलाई 2017 में कथित तौर पर अपने स्थानीय व्यापारिक साझेदार तलाल अब्दो मेहदी को नशीला पदार्थ देकर उसकी हत्या कर दी और एक अन्य नर्स की मदद से उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इसके बाद उसने उसके क्षत-विक्षत अंगों को एक भूमिगत टैंक में फेंक दिया।

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सूत्रों ने बताया कि मेहदी की हत्या का पता चलने के बाद निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया और उसने कथित तौर पर अपने एक बयान में हत्या की बात कबूल कर ली।

सना की अधीनस्थ अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई है। उसने इस फैसले को यमन की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी, लेकिन उसकी अपील खारिज कर दी गई और मौत की सजा बरकरार रखी गई।

सूत्रों ने बताया कि निमिषा ने फिर यमन के राष्ट्रपति से दया की अपील की, लेकिन उन्होंने उसे माफी देने से इनकार कर दिया।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘मृतक तलाल अब्दो मेहदी का परिवार हत्या के अपराध को माफ करने के बदले पैसा (ब्लड मनी) लेने को भी तैयार नहीं है। निमिषा प्रिया के लिए सभी कानूनी प्रयास किए गए, लेकिन उसके खिलाफ आरोप इतने गंभीर थे कि सभी प्रयास विफल रहे।’’

विभिन्न राजनीतिक दल और संगठन खासकर उसके गृह राज्य केरल के, निमिषा प्रिया को मौत की सजा से बचाने के लिए भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह मामले से जुड़े घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहा है और हरसंभव मदद मुहैया करा रहा है।

इस बीच भारत का उच्चतम न्यायालय सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र को भारतीय नर्स को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है।

सूत्रों ने बताया कि निमिषा प्रिया 2008 से यमन में नर्स के तौर पर काम कर रही थी। उन्होंने बताया कि 2011 में शादी के बाद वह अपने पति टॉमी थॉमस के साथ यमन पहुंची थी। वर्ष 2014 में यमन में छिड़े गृहयुद्ध के कारण उसके पति अपनी बेटी के साथ केरल लौट आए, जबकि निमिषा यमन में ही रही।

भाषा संतोष नरेश

नरेश


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