Diwali 2022: खरमास खत्म होते ही गूंजेंगी शहनाइयां, जानें कब तक कर सकेंगे चट मंगनी पट ब्याह
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Diwali 2022: आषाढ़ माह में देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निंद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान कोई भी मांगलिक और शुभ काम नहीं किया जाता। कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की योग निंद्रा से जागते हैं और भगवान विष्णु के जागने के साथ सभी शुभ मुहूर्त फिर से खुल जाते हैं।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले उसके लिए शुभ मुहूर्त देखना बेहद जरूरी माना जाता है ताकि कार्य में किसी भी तरह की कोई बाधा न आएं।
इस साल देवउठनी एकादशी 4 नवंबर को है। लेकिन इस दिन विवाह का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। लेकिन इस दिन विवाह का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन वृश्चिक राशि में सूर्य की अनुपस्थिति के कारण विवाह का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है।
देवउठनी एकादशी का महत्व
Diwali 2022: हिंदू धर्म में कार्तिक मास को बेहद शुभ माना गया है। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आषाढ़ शुक्ल की एकादशी को भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निंद्रा में जाते हैं।
जिस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। देवउठनी एकादशी को तुलसी विवाह के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माता तुलसी और भगवान विष्णु के स्वरुप शालिग्राम का विवाह होता है।
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विवाह का शुभ मुहूर्त
21 नवंबर 2022
24 नवंबर 2022
25 नवंबर 2022
27 नवंबर 2022
02 दिसंबर 2022
07 दिसंबर 2022
08 दिसंबर 2022
09 दिसंबर 2022
14 दिसंबर 2022

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