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New GST Rates: पीएम मोदी ने 15 अगस्त की स्पीच में जिस दिवाली गिफ्ट का वादा किया था, उसे GST काउंसिल की मंजूरी मिल गई है। GST के अब सिर्फ दो स्लैब होंगे- 5% और 18%। नए बदलावों से दूध-घी, टीवी-एसी, कार-बाइक, इंश्योरेंस जैसी 5 कैटेगरी की जरूरतें सस्ती हो जाएंगी। लेकिन iPhone और Samsung जैसे फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स के शौकीनों को इस बार भी कोई रिलीफ नहीं मिली है। टेक एनथूज़ियास्ट्स को उम्मीद थी कि टैक्स रेट्स में फेरबदल के बाद स्मार्टफोन्स की कीमतों में कुछ ड्रॉप देखने को मिलेगा, लेकिन ग्राउंड लेवल पर ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है। दरअसल, सरकार ने GST दरों में एक अहम बदलाव किया है। मोबाइल फोन्स पर GST की मौजूदा दर 18% पहले की तरह बरकरार रखी गई है, जिसका मतलब है कि iPhone, Samsung और अन्य ब्रांड्स के स्मार्टफोन्स की कीमतों में कोई कटौती देखने को नहीं मिलेगी। टेक लवर्स को उम्मीद थी कि टैक्स स्लैब में बदलाव से प्राइस में थोड़ी नरमी आएगी, लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा।
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जीएसटी दरों में बड़े बदलाव की घोषणा चलते घरेलू उपयोग की वस्तुओं से लेकर कई इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी। खासकर दिवाली की खरीदारी करने वालों के लिए यह अच्छी खबर है। एसी, स्मार्ट टीवी और डिशवॉशर जैसे आइटम अब पहले की तुलना में सस्ते मिलेंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्मार्टफोन इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों को पहले से ही यह आशंका थी कि सरकार स्मार्टफोन पर जीएसटी दर में किसी तरह की कटौती नहीं करेगी। उनका मानना है कि यदि जीएसटी में 12% वाला टैक्स स्लैब अभी भी मौजूद होता, तो इस दिशा में कुछ उम्मीद जरूर बन सकती थी। लेकिन मौजूदा टैक्स संरचना में 18% के बाद अगला टैक्स स्लैब सीधे 5% का है, और स्मार्टफोन जैसे प्रोडक्ट को इस बेहद कम टैक्स कैटेगरी में शामिल करना सरकार के लिए व्यावहारिक रूप से संभव नहीं था।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने सरकार से अनुरोध किया था कि स्मार्टफोन को 5% जीएसटी स्लैब के तहत लाया जाए। संगठन का कहना है कि आज के समय में मोबाइल फोन केवल एक गैजेट नहीं, बल्कि आम नागरिकों की आवश्यकता बन चुके हैं। साथ ही, डिजिटल इंडिया मिशन को सफल बनाने में भी स्मार्टफोन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। ICEA ने यह भी याद दिलाया कि जीएसटी लागू होने से पहले, देश के कई राज्य स्मार्टफोन को ‘आवश्यक वस्तुओं’ (Essential Goods) की श्रेणी में रखते थे, जिसके कारण उन पर कर की दर भी अपेक्षाकृत कम होती थी। लेकिन अब जबकि 12% का टैक्स स्लैब ही मौजूद नहीं है और 18% के नीचे सीधे 5% का ही विकल्प है, ऐसे में सरकार के लिए स्मार्टफोन को निचले स्लैब में शामिल करना चुनौतीपूर्ण बन गया है।
PM मोदी ने X पर लिखा, ‘मुझे खुशी है कि GST काउंसिल ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसमें GST दरों में कटौती और कई सुधार शामिल हैं। इससे आम जनता, किसान, MSME, मध्यम वर्ग, महिलाएं और युवा सभी को फायदा होगा। ये बड़े बदलाव हमारे नागरिकों की जिंदगी बेहतर बनाएंगे और कारोबार करना आसान करेंगे। खासकर छोटे व्यापारियों और व्यवसायों को मदद मिलेगी।’