Baloch on Dhurandhar Movie: धुरंधर फिल्म से नाराज हुए ‘बलूचिस्तानी!’.. कहा, “हम अल्लाह-हू-अकबर का इस्लामी नारा नहीं लगाते, न ही 26/11 हमले का जश्न मनाते”..

Baloch on Dhurandhar Movie: मीर यार बलूच ने आखिर में कहा कि, "मुझे यकीन है कि हमें एक नई फिल्म बनानी चाहिए और उसमें सच्ची दोस्ती, वफादारी, ऐतिहासिक बंधन और साझा दुश्मन पाकिस्तान के खिलाफ हमारे देश की संयुक्त लड़ाई को दिखाया जाएगा।"

Baloch on Dhurandhar Movie: धुरंधर फिल्म से नाराज हुए ‘बलूचिस्तानी!’.. कहा, “हम अल्लाह-हू-अकबर का इस्लामी नारा नहीं लगाते, न ही 26/11 हमले का जश्न मनाते”..

Baloch on Dhurandhar Movie || Image- Etsy FILE

Modified Date: December 8, 2025 / 02:51 pm IST
Published Date: December 8, 2025 1:58 pm IST
HIGHLIGHTS
  • धुरंधर फिल्म पर बलूच की तीखी आपत्ति
  • मीर यार बोले– गलत चित्रण किया गया
  • बलूच-भारत रिश्तों पर सवाल उठाए

Baloch on Dhurandhar Movie: मुंबई: कंधार हाईजैक आपको याद ही होगा, जब 1999 में तत्कालीन सरकार को बंधकों को छुड़ाने के लिए तीन आतंकियों की रिहाई करनी पड़ी थी। कहानी की शुरुआत यहीं से होती है। इस वारदात के बाद आईबी चीफ अजय सान्याल (आर. माधवन) ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहते हैं, मगर सरकारी पचड़ों के कारण उनके हाथ बंधे हुए हैं। पर जब आतंकवादी देश की संसद को निशाना बनाते हैं, तब सरकार को अजय सान्याल के ‘ऑपरेशन धुरंधर’ को हरी झंडी देनी पड़ती है। इस ऑपरेशन के लिए हमज़ा (रणवीर सिंह) को चुना जाता है, वो अफगानिस्तान के रास्ते से पाकिस्तान में अपनी घुसपैठ करता है और मोहम्मद आलम (गौरव गेरा) के जरिए बलूच समुदाय के खौफनाक और कुख्यात गैंगस्टर रहमान डकैत (अक्षय खन्ना) के करीब पहुंचता है।

हालांकि इस फिल्म की कहानी यानी पटकथा के कुछ हिस्से, दृश्य और डायलॉग से कुछ बलूचिस्तानी आहत हुए है। बलूच प्रतिनिधि, लेखक, स्वतंत्र पत्रकार, मानव संसाधन रक्षक, राजनयिक और सदस्य मीर यार बलूच ने इस पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपनी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने पोस्ट के माध्यम से बताया है कि, वह भारत के हित चिंतक है वह लगातार पाकिस्तान से संघर्ष कर रहे है।

Dhurandhar Movie Review: क्या लिखा है मीर यार बलूच ने?

Baloch on Dhurandhar Movie: मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा कि, :दुर्भाग्य से, फिल्म ने बलूचिस्तान और भारत के संबंधों को नकारात्मक रूप से चित्रित किया और देशभक्त बलूच जनता और उनके हितों की बजाय गैंगस्टरों पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया।”

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मीर यार ने आगे दावा किया कि, “बलूचिस्तान का प्रतिनिधित्व कोई गैंगस्टर नहीं करता है। आज़ादी के लिए लड़ रहे बलूच लोगों ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों का कभी जश्न नहीं मनाया, क्योंकि हम भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के शिकार हैं। बलूच धर्म से प्रेरित नहीं हैं और वे कभी भी “अल्लाह ओ अकबर” का इस्लामी नारा नहीं लगाते और न ही उन्होंने कभी भारतीय हितों को नुकसान पहुँचाने के लिए आईएसआई के साथ सहयोग किया। फिल्म ने बलूचिस्तान के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ भी न्याय नहीं किया, उन्हें इस तरह दिखाया जैसे उन्होंने अपने हथियार भारत विरोधी तत्वों को बेच दिए हों।”

Dhurandhar Movie “हमारे शब्दकोष में विश्वासघात जैसा कोई शब्द नहीं”

Baloch on Dhurandhar Movie: मीर यार ने आगे लिखा कि, “बलूच स्वतंत्रता सेनानियों के पास हमेशा हथियारों की कमी रहती है, वरना वे पाकिस्तान की कब्ज़ाकारी सेना को बहुत पहले ही हरा चुके होते। अगर बलूच गैंगस्टरों के पास नकली नोट छापने के लिए पर्याप्त पैसा होता, तो बलूचिस्तान में गरीबी नहीं होती। आईएसआई ही ड्रग्स, नकली नोट और हथियारों की तस्करी का सारा घिनौना काम करती है। हम जानते हैं कि जासूसों के न तो स्थाई दोस्त होते हैं और न ही स्थाई दुश्मन, लेकिन बलूचों के साथ व्यवहार करें तो बलूच शब्दकोष में विश्वासघात जैसा कोई शब्द नहीं है।”

मीर यार ने आगे कहा है कि, “हम पुलिस एसपी चौधरी असलम के इस वाक्य से सहमत नहीं हैं, “मगर मच पर भरोसा कर सकते हैं बलूच पर नहीं”, यह हमारी आचार संहिता, नैतिकता और संस्कृति के बिल्कुल खिलाफ है, क्योंकि बलूच संस्कृति में प्रसिद्ध है कि “एक गिलास पानी की कीमत 100 साल वफा”। बलूचों को अगर एक गिलास पानी दिया जाए या उनकी मदद की जाए, तो वे अपने दोस्तों/शुभचिंतकों के साथ कभी विश्वासघात नहीं करते। बलूच इतिहास, बलूचिस्तान स्वतंत्रता आंदोलन, बलूच संस्कृति और परंपराओं पर बहुत कम शोध किया गया है।”

मीर यार बलूच ने आखिर में कहा कि, “मुझे यकीन है कि हमें एक नई फिल्म बनानी चाहिए और उसमें सच्ची दोस्ती, वफादारी, ऐतिहासिक बंधन और साझा दुश्मन पाकिस्तान के खिलाफ हमारे देश की संयुक्त लड़ाई को दिखाया जाएगा।”

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown