Famous filmmaker Santosh Sivan turn 59

Birthday special : 59 के हुए मशहूर फिल्मकार Santosh Sivan, अशोका से लेकर Jack N Jill जैसी फिल्मों का कर चुके है निर्देशन

Famous filmmaker Santosh Sivan, 59, has directed films like Ashoka to Jack N Jill : ढेरों अवॉर्ड्स से सम्मानित किए जा चुके हैं फिल्ममेकर

Edited By :   Modified Date:  February 8, 2023 / 08:56 PM IST, Published Date : February 8, 2023/8:56 pm IST

Famous filmmaker Santosh Sivan turn 59: मुंबई : फिल्म निर्देशक संतोष सिवान आज यानि की 8 फरवरी को अपना जन्मदिन माना रहे है। संतोष सिवान का जन्म 8 फरवरी 1964 को तिरुवनंतपुरम, केरल में हुआ था । संतोष सिवान एक भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता, अभिनेता और छायाकार है। उन्होंने बहुत कम समय में ही तय कर लिया था कि इन्हे क्या करना है। संतोष सिवान साउथ से लेकर बॉलीवुड तक कई फिल्मों में अपना जादू दिखा चुके है। संतोष सिवान ने अपने करियर में अभिनेता शाहरुख़ से लेकर ऐश्वर्या राय बच्चन तक कई बड़े सेलेब्रटी के साथ काम कर चुके है।

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55 फीचर फिल्म्स और 50 डॉक्यूमेंट्री में कर चुके है काम

फिल्म निर्देशक संतोष सिवान के जन्मदिन के खास मौके पर आपको बताते है कि उन्होंने बॉलीवुड में फिल्म अशोका, मुंबईकर, फ़िज़ा, पुकार, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी से लेकर कई फिल्मों में काम कर चुके है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने करियर में 55 फीचर फिल्म्स और 50 डॉक्यूमेंट्री पर काम किया है। संतोष सिवान हिंदी सिनेमा के अलावा मलयालम,तमिल, तेलुगु सिनेमा में सक्रिय हैं।

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ढेरों अवॉर्ड्स से सम्मानित किए जा चुके हैं फिल्ममेकर

संतोष अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिनेमैटोग्राफर्स (एएससी) की सदस्यता में शामिल होने वाले एशिया-प्रशांत क्षेत्र के पहले सिनेमैटोग्राफर हैं। एक सिनेमैटोग्राफर के तौर पर संतोष ने अब तक 5 नेशनल अवॉर्ड्स जीते हैं। वहीं उन्होंने 4 बेस्ट फीचर फिल्म सिनेमैटोग्राफी के लिए नेशनल अवॉर्ड जीते हैं। यानी उन्हें कुल 11 नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. वहीं उन्हें 21 इंटरनेशनल अवॉर्ड्स उनके काम के लिए मिले हैं. इतना ही नहीं संतोष को साल 2014 में पद्मश्री अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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दादी ने दिखाई सिनेमैटोग्राफी की दुनिया

फिल्म कंपैनियन साउथ की रिपोर्ट के मुताबित, संतोष ने बताया था कि उनकी दादी उन्हें बचपन में राजा महाराजाओं की कहानियां सुनाया करती थीं। वह पोएट्री और पेंटिंग भी किया करती थीं. ऐसे में वह संतोष को पास बैठा कर कहानियां सुनाया करती थीं। इससे संतोष की इमैजिनेशन पावर को तेजी मिली औऱ उन्होंने दुनिया को अलग नजरिए से देखना शुरू किया, बाद में जब उनके हाथ कैमरा आया तो उस इमैजिनेशन को उन्होंने कैमरे से जोड़ कर देखना शुरू कर दिया।

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उपलब्धियां
Famous filmmaker Santosh Sivan turn 59: एक छायांकनकार के रूप में, उन्होंने पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं – जिनमें सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म सिनेमैटोग्राफी के लिए चार शामिल हैं। 2014 तक, उन्हें ग्यारह राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, और उनके कार्यों के लिए बीस अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। 2014 में, उन्हें भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।  उन्हें पेरुमथाचन (मलयालम/1991), कालापानी (मलयालम/1996), मोहिनीअट्टम (मलयालम/1991), इरुवर (तमिल/1998) और दिल से.. (हिंदी/1999) फिल्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ छायाकार के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।