Prem Sagar Passed Away: रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर का निधन.. ‘विक्रम और बेताल’ व ‘अलिफ़ लैला’ से मिली थी पहचान, जानें कहा ली आखिरी सांस
1987 में जब रामायण पहली बार दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ, तो यह भारत में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले टीवी धारावाहिकों में से एक बन गया।
Prem Sagar Passed Away || Image- ANI File
- रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर का निधन
- अरुण गोविल ने दी श्रद्धांजलि
- 'विक्रम बेताल' और 'अलिफ लैला' के निर्माता
Prem Sagar Passed Away: मुंबई: महान फिल्म निर्माता रामानंद सागर के बेटे और निर्माता शिव सागर के पिता प्रेम सागर का रविवार सुबह 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मशहूर टीवी धारावाहिक रामायण के रचयिता रामानंद सागर के पुत्र प्रेम सागर का बचपन कहानियों, सिनेमा और भक्ति के बीच बीता। जहाँ उनके पिता घर-घर में मशहूर हो गए, वहीं प्रेम सागर ने पर्दे के पीछे चुपचाप काम करना चुना।
अरुण गोविल ने जताया दुःख
रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शोक व्यक्त करते हुए इस खबर को “बेहद दुखद” बताया। उन्होंने इस दुख की घड़ी में परिवार को शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना भी की।
Prem Sagar Passed Away: गोविल ने हिंदी में लिखा, ” रामायण टीवी धारावाहिक के माध्यम से भगवान श्री राम की मर्यादा, आदर्शों और शिक्षाओं को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से घर-घर तक पहुंचाने वाले स्वर्गीय श्री रामानंद सागर जी के सुपुत्र एवं स्वयं एक सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता श्री प्रेम सागर जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा शोकाकुल परिवार को इस गहन दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति।”
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जानें प्रेम सागर के बारें में
प्रेम सागर ने 1968 बैच के तहत भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे से प्रशिक्षण प्राप्त किया। बाद में उन्होंने अपने पिता के सागर आर्ट्स बैनर तले बड़े पैमाने पर काम किया, जो महाकाव्य रामायण के निर्माण के लिए जाना जाता था।
Prem Sagar Passed Away: 1987 में जब रामायण पहली बार दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ, तो यह भारत में सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले टीवी धारावाहिकों में से एक बन गया। प्रेम सागर ने सागर आर्ट्स के तहत एक स्थिर फोटोग्राफर और छायाकार के रूप में कई परियोजनाओं में योगदान दिया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि सागर परिवार की विरासत पर्दे पर चमकती रहे।

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