Saif Ali Khan Attack Case: बांग्लादेशी या भारतीय.. सैफ के हमलावर की पेशी के दौरान कोर्ट में हुई तीखी बहस, इतने दिनों तक पूछताछ करेगी पुलिस
बांग्लादेशी या भारतीय.. सैफ के हमलावर की पेशी के दौरान कोर्ट में हुई तीखी बहस, Saif Ali Khan Attack Case: Heated debate in court during the appearance of Saif's attacker
Saif Ali Khan Attack Case | Image Source- IBC24 Coustomize
नई दिल्लीः Saif Ali Khan Attack Case एक्टर सैफ अली खान पर हमला करने वाले आरोपी को मुंबई पुलिस ने रविवार सुबह गिरफ्तार कर दोपहर को कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने उनके बाग्लादेशी होने की आशंका जताई है। पेशी के दौरान मजिस्ट्रेट ने आरोपी से नाम पूछा और पूछा कि क्या उसे कोई शिकायत है। पुलिस ने आरोपी का हेड कवर हटाया, तो उसने मजिस्ट्रेट को अपना नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद बताया। अभियोजन पक्ष ने मजिस्ट्रेट से आरोपी की 14 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की, जिसका बचाव पक्ष ने विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने आरोपी को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
आरोपी के बचाव में वकील ने दी ये दलील
Saif Ali Khan Attack Case वह बांग्लादेशी नहीं है बल्कि भारतीय नागरिक है। वह यहीं रहता है। वकील ने अपनी दलील में कहा, ‘पुलिस को आरोपी की कस्टडी देने की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ इसलिए कि पीड़ित सैफ अली खान हैं, इस मामले को तूल दिया गया। वरना यह सिर्फ एक सामान्य मामला है। कस्टडी की कोई जरूरत नहीं है। पुलिस ने रिमांड में नही बताया है कि आरोपी की कस्टडी उन्हें क्यों चाहिए। वह आदतन अपराधी नहीं है और 30 साल का एक युवा है। पुलिस उसे बलि का बकरा बना रही है। उसे नहीं मालूम था कि वह जिस घर में घुस रहा है वह सैफ अली खान का है।’
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कोर्ट ने कही ये बात
मुंबई पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में कहा कि पीड़ित एक सेलिब्रिटी है। लेकिन यह केस सिर्फ इतने तक ही सीमित नहीं है। मामल अभी प्राथमिक जांच में है। सैफ अली खान को गंभीर चोटें आई हैं। आरोपी जानता है कि मुंबई के कौन से एरिया में सेलिब्रिटी रहते हैं और कौन से एरिया में नहीं रहते। उसने पैसे मांगे थे, उसका इरादा क्या था। हमले में इस्तेमाल चाकू तीन हिस्सों में टूटा है, इसलिए हमें तीसरा हिस्सा बरामद करना होगा क्योंकि उसमें खून का निशान होगा। आरोपी के कपड़े भी जब्त करने होंगे, जिस पर पीड़ित के खून के धब्बे हो सकते हैं। इस मामले में उसकी मदद किसने की, इसका पता लगाना होगा। पासपोर्ट एक्ट के तहत भी उसके खिलाफ केस दर्ज होगा। इसलिए पुलिस को आरोपी की कस्टडी चाहिए होगी।

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