National Youth Day IBC24 Special

युवा दिवस पर पढ़िए इस दशक के 10 युवा, जिन्होंने किया सरकार की नाक में दम

National Youth Day IBC24 Special आज युवा दिवस के मौके पर ऐसे ही कुछ युवाओं के बारे में बताने जा रहे है जिसने सरकार की नाक में दम कर रखा था

Edited By :   Modified Date:  January 12, 2023 / 07:39 PM IST, Published Date : January 12, 2023/7:39 pm IST

National Youth Day IBC24 Special: हर साल 12 जनवरी के दिन को स्वामी विवेकानंद की जयंती होती है जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत देश शुरू से ही क्रांतिकारियों का देश रहा है। यहां कई युवाओं ने जन्म लिया और ऐसे आंदोलन किए जिससे उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। वैसे ही इस दशक में कई ऐसे युवा उभर कर सामने आए है जिसने सरकार की निंदे उड़ा दीं। इस दशक में कई ऐसे क्रांतिकारी युवाओं ने अपने और जनता के हक के लिए मोर्चा खोला और सरकार की नाक में दम कर दिया। आज युवा दिवस के मौके पर ऐसे ही कुछ युवाओं के बारे में बताने जा रहे है जिसने सरकार की नाक में दम कर रखा था।

नूपुर शर्मा

National Youth Day IBC24 Special: बीते साल सबसे ज्यादा विवादों में घिरी नूपुर शर्मा भी एक महिला युवा चेहरा है। जिनके एक बयान से देशभर में दंगे भड़का दिए। बता दें नुपुर शर्मा भारत की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की एक प्रवक्ता थी। इन्होंमे इस्लाम के आखिरी पैगंबर मोहम्मद पर टीवी चैनल में हुई एक डिबेट के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके इस बयान की आंच देश के बाहर तक पहुंची थी। नुपुर शर्मा की इस टिप्पणी पर भरतीय मुसलमान सहित 12 से अधिक देशों ने आपत्ति जताई थी। जिसके बाद उन्हे पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

National Youth Day IBC24 Special: नूपुर शर्मा के बयान के बाद हंगामा ऐसा बरपा कि देखने लायक था। देश के कई कोनों से नूपुर शर्मा जान से मारने की धमकियां मिल रहीं थी। इसे लेकर कानपुर में बड़ा बवाल देखने को मिला था। कानपुर वाला मामला शांत भी नहीं हुआ था कि उपद्रवियों ने प्रयागराज में जमकर बवाल काटा था। इसी दौरान सर से तन को जुदा करने वाला नारा भी जोरो-शोरो से चला था। नूपुर शर्मा को लेकर पूरे देश में दंगे भड़के तो वहीं गिरफ्तारी की मांग के साथ साथ फांसी की सजा की भी मांग की गई थी। बीते साल की ये सबसे बड़ी घटना थी। जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।

कन्हैया कुमार

National Youth Day IBC24 Special: भारत तेरे टुकड़े होंगे ये नारा तो आपने सुना ही होगा। जेएनयू के छात्र और ‘जेएनयू के छात्र संघ’ के अध्यक्ष बनने वाले पहले एआईएसएफ सदस्य कन्हैया कुमार के नाम से आज हर कोई परिचित है। कन्हैया कुमार अखिल भारतीय छात्र परिषद और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व नेता व वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता हैं। 2016 में जेएनयू के कैंपस में ऐसा कुछ हुआ कि रातों-रात कन्हैया कुमार का नाम देश के कोने कोने तक फैल गया। 9 फरवरी 2016 को जेएनयू में अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ एक छात्र रैली में राष्‍ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज गिरफ्तार किया गया था। कन्हैया कुमार की अगवानी में ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे लगाने के आरोप लगे थे।

National Youth Day IBC24 Special: देशद्रोह के मामले में कन्हैया कुमार के उपर कई मामले दर्ज है। इतना ही नहीं वे कई बार सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और आरएसएस पर भी तीखा हमला बोल चुके है। उन्होंने एरएसएस पर धर्म का धंधा करने का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 2018 में सीपीआई ने युवा वर्ग को लुभाने के लिए उनके गृह क्षेत्र बेगुसराय से लोकसभा का टिकट दिया गया। सेकिन परिणाम इसके उलट आए। वे इस चुनाव में 4 लाख वोटों के अंतर से हारे थे। जिसके बाद उनकी लोकप्रियता कम होती गई। इसके बाद उन्होंने 2021 में कांग्रेस पार्टी की ओर रुख किया। लेफ्ट के नेता रहे कन्हैया कुमार फिलहार कांग्रेस पार्टी के लिए सक्रियता से काम कर रहे है। वह इस समय राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भारत यात्री है। जो राहुल गांधी के साथ चल रहे है।

हार्दिक पटेल

National Youth Day IBC24 Special: गुजरात सरकार की नाक में दम करने वाले हार्दिक पटेल आज पहचान के मोहताज नहीं है। पटेलों के लिए आरक्षण की मांग पर हार्दिक पटेल ने ‘पाटीदार अनामत आंदोलन’ की शुरुआत की थी। पटेल ने सरकार के खिलाफ मोर्चा तब खोला जब वह खुद इस चीज का शिकार हुए। दरअसल, उसके पड़ोसी के लड़के को कम अंक आने के बावजूद सरकारी नौकरी मिल गई और वे बस मुंह देखते रह गए। जिसके बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला। इस आंदोलन के बाद उनकी उनकी लोकप्रियता बढ़ती ही गई। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हार्दिक पटेल का ही नाम गूंज रहा था। युवा चेहरे के रूप में उभरे पटेल ने सरकार की नाक में दम कर दिया था।

National Youth Day IBC24 Special: 3 साल पहले कांग्रेस पार्टी का दामन थामा था। पार्टी ने उन्हे गुजरात कांग3स का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। लेकिन बीते कुछ वक्त से वह कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे। इन्होंने अपनी नाराजगी कई बार खुलकर जता चुके थे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस में उनकी हालत ऐसी हो गई है जैसे नए दूल्हे की नसबंदी करा दी हो। यहां वह कहना चाह रहे थे कि उनके पास पार्टी में फैसला लेने की कोई पावर नहीं है। जिसके बाद उन्होंने हाल ही में हुए गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया था। जिसका बीजेपी को भी फायदा हुआ। युवा वर्ग को साधने के लिए बीजेपी में एंट्री कर जीत हासिल की। जिसके बाद पह पहली बार वीरमगाम सीट से विधायक बने।

जिग्नेश मेवाणी

National Youth Day IBC24 Special: दलित की आवाज गुजरात के जिग्नेश मेवाणी पहली बार 2009 में सुर्खियों में आए थे। उन्‍होंने भाजपा सरकार पर भूमिहीन दलितों पर गुजरात कृषि भूमि सीलिंग अधिनियम के तहत भूमि आवंटित नहीं करने का आरोप लगाया था। उनके संगठन जन संघर्ष मंच ने इसके लिए एक सर्वेक्षण किया और 2015 तक वह एक सक्रिय आरटीआई एक्टिविस्ट बन गए थे। मेवाणी का असली राजनीतिक उदय 2016 की घटना के बाद हुआ था, जब ऊना शहर में दलितों के साथ मारपीट की घटना हुई थी। ऊना दलित अत्याचार लड़ाई समिति के गठन से लेकर 30 विभिन्न संगठनों को एक मंच पर लाने में मेवाणी की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। उसी समय मेवाणी राष्ट्रीय स्तर पर दलितों का उभरता हुआ चेहरा बन गए थे। मेवाणी आजादी कूच आंदोलन चला चुके हैं। जिसमें उन्होंने लगभग 20 हजार दलितों को एक साथ मरे जानवर न उठाने और मैला न ढोने की शपथ दिलाई थी।

National Youth Day IBC24 Special: उन्होंने तथाकथित “गौ रक्षक” द्वारा ऊना गांव में दलित आदमियों पर हुए घातक हमले के बाद अहमदाबाद से ऊना तक दलित अस्मिता यात्रा के विरोध मार्च की अगुवाई की। मार्च में 20,000 दलितों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और एक दलित महिला भी शामिल थी, जिन्होंने गाय के शवों को निकालने का काम छोड़ने का वादा किया। 2017 के विधानसभा चुनाव में मेवाणी ने उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले में वडगाम अनुसूचित जाति की आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा। अपने चुनाव को भाजपा के अन्यायपूर्ण शासन के खिलाफ लड़ाई बताते हुए मेवाणी ने अन्य दलों से अपने उम्मीदवार नहीं उतारने की अपील की। इसके बाद, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने वडगाम सीट से अपने उम्मीदवारों के नाम वापस लेकर मेवाणी के समर्थन की घोषणा की थी। इस चुनाव में मेवाणी ने 18 हजार वोटों से जीत हासिल की और यहीं से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई थी।

अल्पेश ठाकोर

National Youth Day IBC24 Special: गुजरात के युवा नेता अलपेश ठाकोर एक आंदोलनकारी नेता है। ठाकोर 2015 में एक युवा नेता की छवी लेकर उभरे थे। अल्पेश ठाकोर पाटीदार आंदोलन के समय चर्चा में आए। जब हार्दिक पटेल ने आंदोलन शुरू किया था तो अल्‍पेश ने उस पाटीदार आंदोलन का विरोध किया था। इसके चलते 2015 में मेहसाणा में ओबीसी की बैठक से उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इस दौरान उन्होंने क्षत्रिय ठाकोर सेना की स्थापना की और समुदाय के अधिकारों के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। फिर एक साल बाद उन्होंने 2016 में शराबबंदी के खिलाफ बड़ा आंदोलन कर सरकार की नींदे हराम कर रखीं थी। अल्पेश के इस आंदोलन के लिए बनाई गई क्षत्रिय ठाकोर सेना में लाखों लोगों ने सदस्यता ली थी।

National Youth Day IBC24 Special: जनता के लिए लड़ाई करने वाले आंदोलनकारी युवा नेता अल्पेश ने अपने राजनैतिक सफर की शुरूआत कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर शुरू की थी। अल्‍पेश ठाकोर ने 30 अक्टूबर 2017 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। वर्ष 2017 के चुनाव के दौरान राज्य में भाजपा विरोधी आंदोलन के चेहरों में से एक ठाकोर 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी, लेकिन 2019 में उपचुनाव में अपनी राधनपुर सीट हार गए थे। जिसके बाद इस बार के चुनाव में उन्होंने बीजेपी की टिकट पर गांधीनगर की गक्षिण सीट से लड़े और भारी मतों में जीत हासिल की।

शेहला राशिद

National Youth Day IBC24 Special: कश्मीर में पैदा हुईं शेहला राशिद भी युवा चेहरा है जिसने कन्हैया कुमार की रिहाई को लेकर चल रहे आंदोलनका नेतृत्व किया था। शेहला राशिद का नाम 2016 में सुर्खियों में आया था जब उन्हे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। शेहला राशिद जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं और अखिल भारतीय छात्र संघ की सदस्य भी रह चुकी हैं। इसके अलावा वह एक मानवाधिकार कार्यकर्ता भी हैं। कश्मीर में पैदा हुईं शेहला राशिद का नाम उस समय प्रमुखता से उभरा जब उन्होंने फरवरी 2016 में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्र कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अन्य की रिहाई को लेकर आंदोलन करने वाले एक छात्र संगठन का नेतृत्व किया। कश्मीर के वर्तमान हालातों और मानवाधिकारों को लेकर भी शेहला अपनी आवाज उठाती रहती हैं।

National Youth Day IBC24 Special: शेहला राशिद पर अपने ट्वीट के माध्यम से विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देने और सौहार्द बिगाड़ने वाले कार्यों में शामिल होने का आरोप है। शेहला राशिद बीजेपी सरकार और आरएसएस की विचारधारा का विरोध करती रही हैं। शेहला जेएनयू से निकलने के बाद के उन्होंने जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट यानी जेकेपीएम नामक राजनीतिक पार्टी का दामन थाम लिया। इस पार्टी से शेहला ने चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। लेकिन अब शेहदा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। भारतीय सेना को लेकर कथित विवादित ट्वीट के मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा। इसकी इजाजत हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल ने दे दी है।

आइशी घोष

National Youth Day IBC24 Special: जेएनयू में भीड़ में सिर पर पट्टी बांधी हुई अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही लड़की तो आपको याद ही होगी। आइशी घोष युवा महिला चेहरा है। जिसने काफी उत्पात मचाया था। दरअसल, 2020 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल फीस बढ़ोत्तरी की गई थी। जिसके खिलाफ छात्रों ने विश्वविद्यालय के प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला था। इस मामले में दो पक्षों में मामूली सी बात को लेकर विवाद इतना बढ़ गया था कि लाडठी-डंडे तक चल गए थे। यहां नकाबपोश लोगों ने हथियार लेकर छात्रों से लेकर शिक्षकों के साथ जमकर मारपीट की। इस हिंसा में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष के सिर पर गंभीर चोट आईं थी। इसी घटना के बाद आइशी घोष उभर कर सामने आईं थी।

National Youth Day IBC24 Special: तो वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों रे खिलाफ सरकार ने जेएनयू की छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष और 19 अन्य छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। यह एफआईआर 4 जनवरी 2020 को इन छात्रों द्वारा सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने और सिक्योरिटी गार्ड पर हमला करने के लिए दर्ज की गई थी। सिर पर गंभीर चोट लगने के बाद भी आइशी ने छात्रों के साथ मिलकर साइलेंट प्रोटेस्ट किया। तो वहीं छात्रों का समर्थन करने दीपिका पादुकोण भी जेएनयू के कैंपस पहुंची थी। इसके बाद पढ़ाई पूरी करने के आइशी घोष को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बंगाल की चुनावी रणभूमि में उतार दिया था। जेएनयू की छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने वालीं आइशी घोष को हार का सामना करना पड़ा है। आइशी घोष को करीब 45 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा। इस प्रदर्शन के बाद उनका नाम भी काफी समय तक चर्चा का विषय बना रहा।

ग्रेटा थनबर्ग

National Youth Day IBC24 Special: ग्रेटा थनबर्ग पर्यावरण प्रेमी ग्रेटा थनबर्ग को एक पर्यावरण प्रेमी के रूप में जाना जाता है। इन्होंने महज 15 साल की उम्र में ही देश दुनिया में अपनी ख्याती प्राप्त की थी। उन्होंने पर्यावरण को लेकर सरकार को परेशान कर रखा था। ग्रेटा ने 2018 में स्कूल से छुट्टी लेकर संसद में पर्यावरण को बचाने के लिए प्रदर्शन किया था। इसके अलावा उनकी स्पीच भी काफी वायरल हुई थी। ग्रेटा ने सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र में स्पीच दी थी। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आपकी हिम्मत कैसे हुई ये कहने कि मुझे यहां नहीं होना चाहिए था बल्कि अभी स्कूल में होना चाहिए था। अपने खोखले शब्दों से आपने मेरा बचपन और मेरे सपने चुरा लिए हैं।

National Youth Day IBC24 Special: इसके अलावा ग्रेटा किसान आंदोलन के समय भी काफी सुर्खियों में बनी रही। इस दौरान उनके ट्वीट ने भारत में किसान आंदोलन को हवा दी थी। 3 फरवरी को किसान आंगोलन के समय 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दो सोशल मीडिया पोस्ट लिखी थीं। पहली पोस्ट में उन्होंने किसानों का समर्थन किया था, दूसरी पोस्ट में एक टूलकिट शेयर की थी। यह टूलकिट दरअसल एक गूगल डॉक्यूमेंट था। इसमें ‘अर्जेंट, प्रायर और ऑन ग्राउंड एक्शंस’ का जिक्र था। जिसके बाद उनके उपर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों की टीम का हिस्सा बताया गया था। सीक्रेट डॉक्यूमेंट लीक होने के बाद दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा के खिलाफ FIR भी दर्ज की थी।

जीवन सिंह शेरपुरा

National Youth Day IBC24 Special: हाल ही में मध्यप्रदेश में युवा नेता के रूप में उभरा जीवन सिंह शेरपुरा है। ठाकुर जीवन सिंह शेरपुर वर्तमान राजनीति से ऊपर उठ कर 36 कोम की आवाज उठाने वाले युवा का नाम है। जीवनसिंह शेरपुर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष है। जिसकी एक आवाज पर हाल ही में राजधानी भोपाल में लाखों राजपूतों ने जंबूरी मैदान में कूच कर दी थी। आरक्षण सहित एट्रोसिटि एक्ट के सहित 21 सूत्रियों मागों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे। 4 दिन तक चले इस आंदोलन में देशभर के राजपूत समाज के लोगों ने हिस्सा लिया था। 4 दिन बीत जाने के बाद सरकार की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे अरविंद भदौरिया ने जंबूरी पहुंच 21 में से 18 मांगों को मानने और 4 मांगों को असंवैधानिक बता कर प्रदर्शन खत्म कराया।

National Youth Day IBC24 Special: इस आंदोलन के बाद जीवन सिंह शोरपुरा ने सरकार की नाक में दम कर दिया। बता दें जीवन सिंह निरंतर समाज हित मे कार्य करते हुए सरकार पर दबाव बनाना और की जनता की मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा कोल चुके है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी व राष्ट्रिय कार्यकारणी द्वारा निर्णाय कर योग्य व कर्मठ उच्च विचारधारा से प्रभावित हो कर ठाकुर जीवन सिंह शेरपुर को जावरा जनसभा 12 जून 2016 में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मध्य प्रदेश के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। इसके पहले वे पद्मावत फिल्म के विरोध में करणी सेना की ओर से प्रतिनिधित्व कर चुके है। इसके अलावा एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन, आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग सहित सत्ता के दलालों की कुनिति का विरोध कर चुके है। आने वाले समय में वे युवाओं का लोकप्रिय चेहरा बनकर उभरेंगे।

गायत्री रघुराम

National Youth Day IBC24 Special: पेशे से एक्टर और कोरियोग्राफर और बीजेपी नेता गायत्री रघुराम ने भी बीजेपी में होने के बावजूद सरकार पर ही हमला बोला है। गायत्री रघुराम पेशे से ऐक्टर और कोरिओग्राफ़र थीं। 2014 में वे राजनीति में आईं और भाजपा में शामिल हो गईं। पार्टी की सांस्कृतिक शाखा की प्रमुख बन गईं। फिर नवंबर 2022 में उन्हें उनके पद से निलंबित कर दिया गया। दरअसल बीजेपी नेता त्रिची सूरिया द्वारा एक महिला सहयोगी के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करने पर उन्होंने इसका विरोध किया था। इसके बाद उन्हें पार्टी को बदनाम करने वाली गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था।

National Youth Day IBC24 Special: पार्टी से निलंबित होने के बाद गायत्री ने पार्टी पद से भी इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी के ईकाई प्रमुख अन्नामलाई पर कई गंभीर आरोप भी लगाए है। साथ ही कहा कि बीजेपी में महिलाओं का सम्मान न होने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि गायत्री रघुराम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष को टैग करते हुए लिखा-“मैंने भारी मन से तमिलनाडु बीजेपी से इस्तीफा देने का फैसला लिया है क्योंकि महिलाओं को अपनी बात रखने का अवसर और समान अधिकार व सम्मान नहीं दिया जाता। अन्नामलाई के नेतृत्व में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। सच्चे कार्यकर्ताओं की किसी को परवाह नहीं है, सच्चे कार्यकर्ताओं को भगाना ही अन्नामलाई का एकमात्र लक्ष्य है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें