खिलाड़ियों के हक लिए मैनेजमेंट के खिलाफ खोला था मोर्चा, टीम से किए गए थे बाहर, जानें धनराज पिल्लै से जुड़ें रोचक किस्से

Happy Birthday Dhanraj Pillai : भारत के पूर्व कप्तान और महान खिलाड़ियों में शुमार धनराज आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं।

खिलाड़ियों के हक लिए मैनेजमेंट के खिलाफ खोला था मोर्चा, टीम से किए गए थे बाहर, जानें धनराज पिल्लै से जुड़ें रोचक किस्से

Happy Birthday Dhanraj Pillai

Modified Date: July 16, 2023 / 09:58 am IST
Published Date: July 16, 2023 9:58 am IST

नई दिल्ली : Happy Birthday Dhanraj Pillai : भारत ने हॉकी के खेल को एक से एक नायाब सितारे दिए, उनमें से ही एक रहे हैं धनराज पिल्लै। भारत के पूर्व कप्तान और महान खिलाड़ियों में शुमार धनराज आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। धनराज जब टर्फ पर होते थे तो उनका खेल देखते ही बनता था। इस खिलाड़ी ने अपने करियर में देश को कई यादगार जीतें दिलाई। उनके खेल के बारे में कहा जाता था कि वह काफी तेज हैं। उनकी स्पीड की दुनिया तारीफ करती थी और इसी के दम पर धनराज अच्छे से अच्छे डिफेंस को भेदने में सफल रहे। लेकिन भारतीय हॉकी को संवारने वाला ये खिलाड़ी एक समय देश में हॉकी के हुक्मरानों के खिलाफ भी खड़ा हुआ था।

धनराज ने 1998 में खेले गए एशियाड में शानदार खेल दिखाया था। उस समय धनराज बेहतरीन फॉर्म में थे, बावजूद इसके उनको एफ्रो-एशियन गेम्स की टीम में नहीं चुना गया था। इसका कारण धनराज का बगावती अंदाज था।

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धनराज ने लिया था मैनेजमेंट से पंगा

Happy Birthday Dhanraj Pillai :  एक रिपोर्ट के मुताबिक धनराज सहित छह अन्य खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया गया था और इसका कारण बताया गया था कि उन्हें आराम दिया गया है, लेकिन ये इसलिए हुआ था क्योंकि धनराज ने मैनेजमेंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। धनराज को लगता था कि हॉकी खिलाड़ियों को उतना पैसा नहीं मिलता जितने के वो हकदार हैं। उन्होंने 1998 में पाकिस्तान दौरे से पहले इसे लेकर प्रदर्शन भी किया था।

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गोलकीपर आशीष बलाल से मांगी थी माफी

Happy Birthday Dhanraj Pillai :  धनराज वो कप्तान और खिलाड़ी माने जाते हैं जो सबको साथ लेकर चलते थे। इसी रिपोर्ट में धनराज के एक और किस्से का जिक्र है। 1998 में एशियन गेम्स के फाइनल में साउथ कोरिया के खिलाफ मैच 1-1 की बराबरी पर खत्म हुआ था। इसके बाद पेनल्टी स्ट्रोक की बारी आई। लेकिन धनराज ने पेनल्टी लेने से मना कर दिया क्योंकि उन्हें नहीं लग रहा था कि वह पेनल्टी ले पाएंगे इसलिए उन्होंने दूसरे खिलाड़ी को मौका दिया। इसी मैच में पहले हाफ के खराब खेल के बाद गोलकीपर आशीष बलाल को हटा दिया गया था, लेकिन धनराज के कहने पर पेनल्टी स्ट्रोक में उन्हें दोबारा बुलाया गया। आशीष ने यहां शानदार काम किया और टीम को जीत दिलाई।

भारत 32 साल बाद ये जीत हासिल कर रहा था और पूरी टीम जीत का जश्न मना रही थी। लेकिन धनराज सीधे आशीष के पास गए और कहा कि ‘अब तो माफ किया न’। दरअसल, ये बात धनराज ने 1996 एटलांटा ओलिंपिक खेलों में आशीष को टीम से ड्रॉप किए जाने को लेकर कही थी।

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